संगमनगरी जलस्तर 86 मीटर के करीब पहुंचा, 2013 के बन रहे हालात, गंगा यमुना का उफान जारी

प्रयागराज; गंगा और यमुना ने खतरे के निशान पार कर दिया है। जलस्तर खतरे के बिंदु 84.734 मीटर के ऊपर पहुंच गया है। नदियों का उफान अभी जारी है। स्थिति काफी भयावह हो गई है। रविवार को गंगा का जलस्तर 86 मीटर के करीब पहुंच गया है। बांध में रिसाव के चलते शनिवार देर रात हड़कंप मचा रहा। बालू भरी बोरी डालकर बांध को बचाने की कवायद की जाती रही। गंगा और यमुना के किनारों पर स्थित दो दर्जन से अधिक मुहल्लों के हजारों घर जलमग्न हो गए हैं। अब बाढ़ का पानी शहर के पाश इलाके अशोक नगर, राजापुर की तरफ बढ़ रहा है। पानी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को भोर से ही हो रही मूसलाधार बारिश ने स्थिति को और भी भयावह कर दिया है। बाढ़ राहत शिविर में भीड़ काफी बढ़ गई है। दस हजार से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। यह संख्या और भी बढ़ रही है।
3 अगस्त रविवार को सुबह आठ बजे तक की स्थिति
फाफामऊ – गंगा का जलस्तर 85.49 पहुंच गया है। चार घंटे के भीतर 12 सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ा है।
छतनाग गंगा घाट – जलस्तर 84.81 दर्ज किया गया। यहां भी चार घंटे में गंगा 12 सेंटीमीटर बढ़ गई हैं।
फाफामऊ और छतनाग में गंगा के खतरे का बिंदु 84.738 मीटर है। गंगा इसके ऊपर बह रही हैं।
यमुना नदी – नैनी में जलस्तर 85.84 मीटर दर्ज किया गया। यमुना नदी का जलस्तर चार घंटे में 10 सेमी. अधिक दर्ज किया गया है। खतरे का निशान 84.738 है।
बाढ़ पीड़ितों की संख्या में तेजी से इजाफा
गंगा और यमुना का रौद्र रूप जारी है। दोनों नदियों का जलस्तर 85 मीटर को पार कर गया है। जलस्तर में बढ़ोतरी अब भी जारी है और 2013 जैसे हालात बनते नजर आ रहे हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि पीछे की तरफ पानी स्थिर हो गया है। ऐसे में रविवार शाम से दोनों नदियों के स्थिर होने की उम्मीद है।
यमुना नदी का जलस्तर शानिवार शाम चार बजे से पहले ही 85 मीटर के पार हो गया। वहीं गंगा का जलस्तर भी शाम छह बजे से पहले 85 मीटर को पार कर गया। इनके अलावा टोंस, ससुरखदेरी समेत अन्य नदियां भी उफान पर हैं।