ड्रोन खरीद घोटाले पर बिफरे राष्ट्रपति जेलेंस्की, रूस के साथ युद्ध के बीच भ्रष्टाचार से खफा

यूक्रेन की भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों ने एक बड़ा घोटाला पकड़ा है जिसमें सेना के लिए खरीदे जा रहे ड्रोन और अन्य सैन्य उपकरणों की कीमतों को जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया था। यह खुलासा ऐसे समय हुआ है जब दो दिन पहले ही यूक्रेनी संसद ने इन एजेंसियों की स्वतंत्रता बहाल करने के लिए वोट किया था।
कैसे पकड़ा गया घोटाला?
राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एनएबीयू) और विशेष भ्रष्टाचार निरोधक अभियोजक कार्यालय (एसएपीओ) ने शनिवार को एक साझा बयान में बताया कि सरकारी पैसों से की जा रही सैन्य खरीद में कुछ अधिकारियों ने जानबूझकर महंगे सौदे किए और बदले में मोटा कमीशन लिया। बयान के अनुसार,’इस योजना के तहत सरकार ने कुछ सप्लायर कंपनियों से जानबूझकर महंगे दामों पर डील की और उसमें शामिल लोगों ने कुल सौदे की राशि का लगभग 30% तक रिश्वत के रूप में लिया।’
कौन-कौन है घोटाले में शामिल?
हालांकि एजेंसियों ने अभी तक नाम नहीं बताए हैं, लेकिन बताया गया है कि इसमें एक सांसद, स्थानीय जिले और शहर के अधिकारी, और नेशनल गार्ड के कुछ जवान शामिल हैं। फिलहाल 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गृह मंत्रालय ने बताया कि इस मामले में शामिल नेशनल गार्ड कर्मियों को उनके पदों से हटा दिया गया है।
क्यों खास हैं ड्रोन?
यूक्रेन और रूस दोनों के लिए ड्रोन आज के युद्ध में बेहद अहम भूमिका निभा रहे हैं। ये जासूसी, सटीक हमलों और रणनीतिक संचालन के लिए जरूरी हैं। यूक्रेन के अधिकतर सफल हमलों में ड्रोन का बड़ा योगदान रहा है। यूक्रेन की सरकार घरेलू ड्रोन निर्माण को बढ़ावा देना चाहती है ताकि निर्यात और आत्मनिर्भरता बढ़े।