पैरों में घुंघरू, कंधे पर कांवड़.. गूंज रहा बोल बम, सड़कों पर झूमते दिखे कांवड़िये

मुरादाबाद: कांधे पर कांवड़, पैरों में घुंघरू बांधकर छम-छम करते चलते कांवड़िये और डीजे पर बजते भजनों के बीच लगते बोल बम के जयकारे… रविवार को शहर का माहौल कुछ ऐसा ही रहा। सावन के चौथे सोमवार को गंगाजल से भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए हरिद्वार से जल लेकर लौट रहे कांवड़ियों से पीतलनगरी शिवमय हो गई। सुबह ब्रजघाट से कांवड़ लेकर श्रद्धालु वापस आने लगे।

उनके परिवार की महिलाओं ने तिलक लगाकर और आरती उतारकर रवाना किया। कांठ रोड पर सुबह से ही कांवड़ियों की रौनक रही। बरेली, रामपुर, बिलासपुर, मिलक आदि जाने वाले कांवड़िये भोले की भक्ति में झूमते हुए चल रहे थे। खड़ी कांवड़, बैकुंठी कांवड़, कमंडल में गंगा जल लेकर आ रहे थे।

ट्रक और ट्रैक्टर-ट्रॉली पर बड़े-बड़े डीजे लगे थे। इन पर बज रहे भक्ति गीतों पर कावड़िये थिरकते नजर आए। धूप और उमस के बावजूद उनके चेहरे पर थकान नहीं थी, बल्कि होठों पर भोलेनाथ के जयकारे थे। पैरों में बंधे घुंघरुओं से वह छम-छम करते चल रह थे। पुरुष ही नहीं, महिलाएं और बालक भी कावड़ लेकर निकले। दिल्ली रोड पर भी दोपहर बाद से कांवड़ियों की संख्या में इजाफा हो गया।

कांवड़ भी आकर्षक तरीके से सजाई गई थीं। बैकुंठी कावड़ के अलावा भोले की प्रतिमाएं साथ लेकर कांवड़िए जा रहे थे। महाकाल की कांवड़, बाबा कामेश्वर नाथ, महाकालेश्वर समेत तमाम नाम से बेड़े गुजर रहे थे। रात होते-होते दिल्ली रोड भी जगमग हो गई। रविवार को ब्रजघाट से लौटने वाले कांवड़ियों के जत्थों की वजह से जबरदस्त भीड़ रहेगी।

जलपान का किया वितरण
श्री बाबा अमरनाथ मानव कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने की कांवड़ियों की सेवा की। प्रबंधक राजीव गांधी ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए पानी की बोतलें, नमकीन मट्ठा, कोल्ड ड्रिंक, बादाम ठंडाई इत्यादि पेय पदार्थों का वितरण किया। अध्यक्ष क्षेमेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि कांवड़ियों की मदद के लिए एंबुलेंस का भी इंतजाम किया है।

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