IDF के हमले में मारे गए 20 से अधिक फलस्तीनी, भूख से संघर्ष के बीच मौत का तांडव; अब तक 60 हजार+ मौतें

गाजा पट्टी में खाने की तलाश में निकले लोगों पर इस्राइली सेना ने कथित तौर पर गोलियां चला दीं। इसमें 23 फलस्तीनियों की मौत हो गई। भीड़ में शामिल लोग भूख से परेशान थे और जैसे ही वे राहत केंद्रों के पास पहुंचे, गोलीबारी शुरू हो गई। अस्पताल के अधिकारियों और चश्मदीदों ने यह जानकारी दी।
गाजा में 20 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं और यहां भुखमरी जैसी स्थिति है। विशेषज्ञ पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि इस्राइल की नाकाबंदी और लंबे समय से जारी हमलों के कारण यह इलाका अकाल की कगार पर है।
यूसुफ आबेद भी खाना लेने गए थे, उन्होंने कहा कि वहां अचानक गोलियां चलने लगीं। उन्होंने देखा कि कम से कम तीन लोग जमीन पर खून में लथपथ पड़े हैं। उन्होंने कहा, मैं मदद भी नहीं कर सका, क्योंकि लगातार गोलियां चल रही थीं। दक्षिण गाजा के नासिर अस्पताल ने बताया कि कई राहत केंद्रों के पास से शव लाए गए। इनमें से आठ शव तेइना नाम की जगह से आए, जो खान यूनुस के पास है। खान यूनुस में गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (गाजी ह्यूमैनिटैरियन फाउंडेशन) का राहत केंद्र है। यह फाउंडेशन अमेरिका और इस्राइल द्वारा समर्थित है और दो महीने से गाजा में राहत बांट रहा है।
अस्पताल ने यह भी बताया कि उसे शाकूश नाम की जगह से एक और शव मिला है। यह रफाह के पास स्थित एक अलग राहत केंद्र से कुछ दूरी पर है। इसके अलावा मोराग नाम की जगह पर भी इस्राइली सैनिकों ने राहत के इंतजार में बैठे लोगों पर गोलियां चलाईं, जिससे नौ और लोगों की मौत हो गई।
तीन चश्मदीदों ने एपी को बताया कि गोलियां राहत केंद्रों की ओर जाते समय चलीं। ये केंद्र ऐसे इलाकों में हैं, जो इस्राइली सैनिकों के नियंत्रण में हैं। उन्होंने कहा कि जब लोग राहत पाने के लिए आगे बढ़े, तो सैनिकों ने गोलीबारी शुरू कर दी। गाजा के उत्तरी हिस्से में भी यही हालात हैं। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि जीएचएफ के एक और राहत केंद्र के पास भीड़ पर रविवार सुबह गोलीबारी की गई।