संघर्षविराम के बाद थाईलैंड और कंबोडिया के अधिकारियों की मलयेशिया में बैठक, तनाव कम की कोशिशें तेज

कुआला लंपुर:थाईलैंड और कंबोडिया के अधिकारियों ने सोमवार को मलयेशिया में पहली बार आमने-सामने बैठक की। पिछले हफ्ते दोनों देशों के बीच घातक सीमा संघर्ष के बाद संघर्षविराम लागू हुआ था। उसके बाद यह पहली औपचारिक बैठक थी। इस संघर्ष में कई दर्जन लोगों की जान गई और 2.6 लाख से ज्यादा लोग बेघर हुए।
चार दिन तक चलने वाली सामान्य सीमा समिति की यह बैठक पहले कंबोडिया में होनी थी। लेकिन बाद में दोनों देशों ने एक तटस्थ स्थान के तौर पर मलयेशिया में मिलने पर सहमति बनाई। मलयेशिया इस साल आसियान का अध्यक्ष भी और पिछले महीने दोनों देशों के बीच संघर्ष रुकवाने में मध्यस्थ की भूमिका निभा चुका है।
28 जुलाई को संघर्षविराम तब लागू हुआ, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों को आर्थिक दबाव में लेकर चेतावनी दी कि अगर संघर्ष बंद नहीं हुआ, तो अमेरिका उनके साथ कोई व्यापार समझौता नहीं करेगा। संघर्षविराम के बाद एक अगस्त को अमेरिका ने इन देशों से आयात होने वाले सामान पर टैरिफ 36 फीसदी से घटाकर 19% कर दिया।
आज बातचीत का मुख्य उद्देश्य यह था कि भविष्य में दोबारा कोई झड़प न हो, इसके लिए नियम तय किए जाएं। सीमा विवाद वाले इलाकों पर पुराने दावों को इस चर्चा का हिस्सा नहीं बनाया गया। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सदियों से शत्रुता है। एक समय दोनों शक्तिशाली साम्राज्य हुआ करते थे। 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने प्रेह विहार मंदिर वाली जमीन पर कंबोडिया का हक बताया था, जिससे थाईलैंड नाराज हुआ। इसके बाद भी कई सीमा क्षेत्र ऐसे रहे, जिन्हें दोनों देश अपना बताते रहे।