कोल्हापुर की ‘महादेवी’ हथिनी को वनतारा से वापस लाने की मांग तेज, लोगों ने किया मौन मार्च

मुंबई:  कोल्हापुर में एक अनोखा और भावुक दृश्य देखने को मिला। 36 वर्षीय हथिनी ‘महादेवी’ को गुजरात के वनतारा सेंटर से वापस लाने के लिए हजारों लोग हाथों में तख्तियां लिए सड़कों पर उतरे। मांग को लेकर हजारों लोगों ने मौन मार्च किया। यह मार्च पूर्व सांसद राजू शेट्टी के नेतृत्व में नंदनी से शुरू होकर जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंचा, जहां प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया।

दरअसल, महादेवी को हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद वनतारा वाइल्डलाइफ रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर भेजा गया। अदालत का यह फैसला एनजीओ की उस शिकायत के बाद आया, जिसमें दावा किया गया कि महादेवी मानसिक और शारीरिक रूप से बेहद कष्ट में है। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के इस फैसले को 25 जुलाई को बरकरार रखा। महादेवी को 1992 में कर्नाटक से लाकर कोल्हापुर के श्री जिनसेन भट्टारक जैन मठ में रखा गया था।

सांसद और विधायक भी कूदे मैदान में
महादेवी की विदाई के बाद से ही कोल्हापुर में भारी जनभावना उमड़ी है। भाजपा सांसद धनंजय महाडिक और शिवसेना के सांसद धैर्यशील माने केंद्र सरकार से अपील कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर महादेवी को वापस लाने की अनुमति ली जाए। महाडिक ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से भी इस सिलसिले में मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने भी वनतारा अधिकारियों के साथ बैठक कर हथिनी को वापस लाने के प्रयासों की जानकारी दी।

महादेवी की हालत पर वनतारा का दावा
महादेवी के बारे में कहा गया है कि वह पैरों में सड़न (फुट रॉट), गठिया और मानसिक तनाव जैसे गंभीर समस्याओं से जूझ रही थी। अकेलेपन के चलते उसके व्यवहार में भी लगातार सिर हिलाने जैसे लक्षण दिख रहे थे। वनतारा ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में लिखा कि वे महादेवी की देखभाल बेहद सहानुभूति और समझ के साथ कर रहे हैं, और उसे वहां धीरे-धीरे नई जिंदगी में ढालने की कोशिश हो रही है।

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