कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नाथूला में तैयारी अंतिम चरण में, अगले महीने से होगी शुरू

नाथुला पास:कोविड-19 महामारी के चलते 2019 में बंद हुई कैलाश-मानसरोवर यात्रा अगले महीने से नाथुला के रास्ते फिर होने जा रही है। यात्रा को लेकर खास उत्साह देखने को मिल रहा है। वहीं यात्रा को लेकर तैयारियां भी जोरों पर हैं। इस बाबत सिक्किम में भारत-चीन सीमा पर यात्रा का मार्ग दुरुस्त किया जा रहा है। यहां तैयारियां अंतिम चरणों में है। इसमें बुनियादी ढांचे का विकास भी शामिल है।

नाथुला में जारी निर्माण कार्यों के श्रम प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि मार्ग के किनारे दो अनुकूलन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। एक 16वें मील (10,000 फीट) पर और दूसरा कुपुप रोड (14,000 फीट) के किनारे हंगू झील के पास। हर केंद्र में दो पांच-बिस्तर वाली और दो दो-बिस्तर वाली इमारतें होंगी। साथ ही इनमें तीर्थयात्रियों के लिए एक चिकित्सा केंद्र, कार्यालय, रसोई और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इन अनुकूलन केंद्रों के जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण का काम अगले चार से पांच दिनों में पूरा होने की उम्मीद है। इनमें कुल 50-60 लोग रह सकेंगे।

कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू होने का यहां के स्थानीय निवासियों और 2016 की यात्रा में भाग लेने वाले आईके रसैली ने फिर से खुलने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यहां पर्यटन फिर से शुरू होगा और इससे स्थानीयों की आजीविका में सुधार होगा। कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सिक्किम मार्ग अपनी अच्छी सड़क कनेक्टिविटी के कारण सबसे सुरक्षित और सबसे सुलभ बना हुआ है।

काबी लुंगचोक के विधायक थिनले शेरिंग भूटिया ने भी सिक्किम के रास्ते यात्रा को फिर से खोलने की पहल का स्वागत किया है। इसके लिए उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों का आभार व्यक्त किया। भूटिया ने कहा कि सिक्किम शांतिपूर्ण राज्य है, जहां आतंकवादी गतिविधियों का कोई इतिहास नहीं है। इसके चलते यह मानसरोवर तीर्थयात्रियों के लिए सबसे सुरक्षित मार्ग साबित हो रहा है। उन्होंने आगे आश्वासन दिया कि यात्रा शुरू होने से पहले मार्ग पर शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी।

गौरतलब है कि मानसरोवर यात्रा के लिए नाथुला मार्ग को फिर से खोलने की मांग सिक्किम के राज्यसभा सांसद डी.टी. लेप्चा ने संसद में उठाया था, जिसके बाद भारत सरकार और सिक्किम सरकार के बीच समन्वित प्रयास किए गए। नाथुला के रास्ते यात्रा को फिर से शुरू करने से न केवल तीर्थयात्रियों को राहत मिलेगी बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

Related Articles

Back to top button