भारतीय नौसेना में पहली महिला फाइटर पायलट बनीं सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया, रक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम

विशाखापत्तनम: भारतीय नौसेना ने इतिहास रच दिया है। सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया को आधिकारिक रूप से नौसेना के फाइटर स्ट्रीम में शामिल कर लिया गया है। वे इस स्ट्रीम में जगह पाने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। इससे महिला अधिकारियों के लिए लड़ाकू भूमिकाओं के द्वार खुल गए हैं।

‘विंग्स ऑफ गोल्ड’ से आस्था पूनिया हुईं सम्मानित
आस्था पूनिया को ‘विंग्स ऑफ गोल्ड’ सम्मान प्रदान किया गया, जो नौसेना की फाइटर पायलट बनने की पात्रता का प्रतीक है। यह सम्मान उन्हें रियर एडमिरल जनक बेवली, सहायक नौसेना स्टाफ (एयर) की तरफ से आईएनएस डेगा, विशाखापत्तनम में दिया गया। इस मौके पर लेफ्टिनेंट अतुल कुमार ढुल को भी यह सम्मान प्राप्त हुआ। यह समारोह ‘सेकेंड बेसिक हॉक कन्वर्जन कोर्स’ की सफल समाप्ति पर आयोजित हुआ था।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद डीएसी की बैठक
यह बैठक ऐसे समय हुई जब हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। यह ऑपरेशन 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में किया गया था जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। भारतीय सेना ने सीमाओं को पार किए बिना, आतंकियों के ठिकानों को सटीक तरीके से निशाना बनाकर जवाब दिया।

सेना के लिए नई मिसाइल प्रणाली
30 जून को रक्षा सूत्रों ने बताया था कि त्रि-सेनाओं ने कई प्रस्ताव प्रस्तुत किए थे। इसमें सबसे महत्वपूर्ण था – डीआरडीओ की तरफ से विकसित क्विक रिएक्शन सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, जिसकी अनुमानित लागत ₹30,000 करोड़ है। यह प्रणाली 30 किलोमीटर तक के हवाई लक्ष्यों को मार गिराने में सक्षम होगी। तीन एयरक्राफ्ट मूल निर्माता से खरीदे जाएंगे और उन्हें डीआरडीओ के एयरबोर्न सिस्टम्स केंद्र और निजी भागीदारों की मदद से विशेष कार्यों के लिए बदला जाएगा।

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