केंद्रीय मंत्री ने कॉपर पर विजन दस्तावेज जारी किया, बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने तांबे की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए शुक्रवार को कॉपर विजन डॉक्यूमेंट जारी किया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि दस्तावेज में 2047 तक तांबे की मांग में छह गुना वृद्धि का अनुमान लगाया है। साथ ही, 2030 तक 50 लाख टन प्रतिवर्ष प्रगलन और शोधन क्षमता जोड़ने की योजना प्रस्तुत की गई है।

आयात पर निर्भरता घटाने का उद्देश्य
इसका उद्देश्य सेकेंडरी रिफाइनिंग को बढ़ावा देने, घरेलू रीसाइक्लिंग को सशक्त बनाने और वैश्विक भागीदारियों के माध्यम से विदेशी खनिज संपत्तियों को सुरक्षित कर आयात पर निर्भरता घटाने की बात कही गई है। मंत्री ने कहा कि यह दस्तावेज कच्चे माल की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने के लिए दीर्घकालिक रणनीति प्रदान करता है।

यह दस्तावेज कॉपर इकोसिस्टम के लिए महत्वपूर्ण कदम- मंत्री रेड्डी
मंत्री रेड्डी ने हैदराबाद में आयोजित “सस्टेनेबल एंड रिस्पॉन्सिबल माइनिंग थ्रू बेस्ट माइन क्लोजर प्रैक्टिसेज” सम्मेलन में इस दस्तावेज का लोकार्पण किया। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ विजन के अनुरूप यह दस्तावेज देश के लिए एक टिकाऊ, लचीला और भविष्य के लिए तैयार तांबा इकोसिस्टम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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