राहुल को ‘सुप्रीम’ फटकार पर भाजपा बोली- विश्वसनीयता सवालों के घेरे में आई, भारत विरोधी मानसिकता उजागर हुई

नई दिल्ली; लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लगभग ढाई साल पुरानी टिप्पणी को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी प्रकट की। शीर्ष अदालत ने कांग्रेस सांसद को फटकार लगाई और कहा कि अगर वे सच्चे भारतीय होते तो ऐसी टिप्पणी नहीं करते। अदालत ने उन्हें सेना से जुड़े मसलों पर सोशल मीडिया के बजाय संसद के पटल पर बात करने की नसीहत भी दी। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भाजपा ने राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया।
राहुल का बयान नुकसानदेह, सेनाओं का मनोबल गिराता है
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, अदालत ने राहुल गांधी को निराधार दावे के लिए कड़ी फटकार लगाई है। ‘हजारों वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर चीनी सेना ने कब्जा कर लिया’ है, राहुल का ऐसा बयान देश के लिए बेहद नुकसानदेह है और इससे हमारी सेनाओं का मनोबल भी गिरता है।’
भारतीय होने के नाते राहुल को ऐसा नहीं बोलना चाहिए
रिजिजू ने कहा, ‘हम राहुल गांधी से इस तरह के निराधार बयान न देने की अपील करते रहे हैं, लेकिन वह हमारी बात नहीं सुनते। मुझे बहुत खुशी है कि कम से कम सुप्रीम कोर्ट ने अब उन्हें चेतावनी दी है। यह एक सीधी फटकार है कि एक भारतीय होने के नाते राहुल गांधी को ऐसा नहीं बोलना चाहिए। अदालत ने बहुत ही कड़ा बयान दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को फटकार लगाई
शीर्ष अदालत की इस टिप्पणी पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, जब हमारी सेना ने बहादुरी दिखाई और चीनी सेना को पीछे धकेला, तो राहुल गांधी ने कहा कि चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश में 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया, जिसमें 20 भारतीय सैनिक मारे गए। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल के इस बयान पर कड़ी टिप्पणी की है। बता दें कि राहुल गांधी की जिस टिप्पणी पर शीर्ष अदालत ने उन्हें फटकार लगाई है, ये 9 दिसंबर, 2022 की है। उन्होंने भारत और चीन की सेनाओं के बीच गलवां में हुई झड़प पर टिप्पणी की थी।