पुणे में तीन महिलाओं ने पुलिस पर मारपीट और जातिवाद का लगाया आरोप, रोहित पवार ने की FIR की मांग

पुणे:पुणे की तीन महिलाओं ने आरोप लगाया है कि कोंढवा पुलिस स्टेशन और छत्रपति संभाजीनगर पुलिस के कुछ अधिकारियों ने एक लापता महिला की जांच के दौरान उनके साथ मारपीट की और जातिसूचक टिप्पणियां कीं। यह महिला कुछ समय के लिए उनके साथ रह रही थी। इस घटना के बाद वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) और शरद पवार की पार्टी एनसीपी (एसपी) ने संबंधित पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

मामले में रविवार रात एनसीपी (एसपी) के विधायक रोहित पवार इन महिलाओं और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ पुणे पुलिस कमिश्नरेट पहुंचे और कानून-व्यवस्था के संयुक्त पुलिस आयुक्त रंजन कुमार शर्मा से मुलाकात की। उन्होंने पुलिसकर्मियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग की।

क्या बोले एनसीपी एसपी नेता रोहित पवार?
पुलिसकर्मियों पर लगे इस आरोप के बाद महाराष्ट्र की सियासत में बयानबाजी तेज हो गई है। ऐसे में एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार ने कहा कि मराठवाड़ा से एक महिला अपने पारिवारिक मामले में न्याय की मांग के लिए पुणे आई थी और अपनी दोस्त के साथ कोथरुड में रुकी थी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने बिना वारंट जांच की और इस दौरान जातिसूचक टिप्पणियां की गईं। ये बहुत गंभीर मामला है, लेकिन अब तक पुलिस ने कोई केस दर्ज नहीं किया है। यह प्रशासन की लापरवाही दिखाता है।

हालांकि मामले में पुणे पुलिस ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। कोथरुड पुलिस स्टेशन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि प्राथमिक जांच में इन आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है, इसलिए SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज नहीं किया जा सकता

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