सीजेआई ने दिया संविधान के सम्मान पर जोर, कहा- इसके सभी स्तंभों को मिलकर काम करने की जरूरत

मु्ंबई: प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने संविधान के सम्मान पर जोर दिया। बार काउंसिल महाराष्ट्र और गोवा की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह और अधिवक्ता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि न तो न्यायपालिका और न ही कार्यपालिका, बल्कि भारत का संविधान सर्वोच्च है और इसके स्तंभों को मिलकर काम करना चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मुझे खुशी है कि देश न केवल मजबूत हुआ है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक मोर्चों पर भी विकसित हुआ है और ऐसा करना जारी है। भारत का संविधान सर्वोच्च है और तीनों अंगों को संविधान के अनुसार काम करना है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश का बुनियादी ढांचा मजबूत है और संविधान के तीनों स्तंभ समान हैं। संविधान के सभी अंगों को एक-दूसरे के प्रति उचित सम्मान प्रदर्शित करना चाहिए। कार्यक्रम में न्यायमूर्ति गवई द्वारा सुनाए गए 50 उल्लेखनीय निर्णयों पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन किया गया।

बाबा साहेब आंबेडकर को अर्पित की श्रद्धांजलि
सीजेआई बीआर गवई ने मुंबई में चैत्यभूमि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक का दौरा किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि प्रधान न्यायाधीश बनने के बाद आज मेरी पहली महाराष्ट्र यात्रा है और आज मैं चैत्यभूमि में बाबा साहेब के स्मारक पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने आया हूं। मैं यहां बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा हमें दिए गए संविधान के अनुसार स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और एकता के मूल्यों को आगे बढ़ाने और संरक्षित करने के लिए बाबा साहेब का आशीर्वाद लेने आया हूं।

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