पानी की कमी से जूझ रहा है पाकिस्तान! पीएम शहबाज को फिर याद आई सिंधु जल संधि, विश्व में लगा रहे गुहार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दुनियाभर के अलग-अलग मंचों पर सिंधु जल संधि स्थगित किए जाने का मुद्दा उठा रहे हैं। शहबाज का कहना है कि पाकिस्तान भारत को राजनीतिक लाभ के लिए सिंधु जल संधि को स्थगित करके लाखों लोगों के जीवन को खतरे में नहीं डालने देगा। शहबाज लगातार वैश्विक मंचों पर गुहार लगाते नजर आ रहे हैं।

शरीफ ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में ग्लेशियरों के संरक्षण पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे। यहां उन्होंने भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) का मुद्दा उठाया। पाकिस्तानी अखबार डॉन ने शरीफ के हवाले से कहा कि सिंधु बेसिन के जल के बंटवारे को नियंत्रित करने वाली सिंधु जल संधि को स्थगित रखने का भारत का एकतरफा और अवैध निर्णय अत्यंत खेदजनक है। संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए लाखों लोगों की जान को खतरे में नहीं डाला जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ऐसा नहीं होने देगा। हम कभी भी भारत को लाल रेखा को पार नहीं करने देंगे। सम्मेलन में 80 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों और 70 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 2,500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।

उन्होंने कहा, आज दुनिया गाजा में पारंपरिक हथियारों के इस्तेमाल से हुए घावों के ताजा निशान झेल रही है। और अब, हम एक और चिंताजनक स्थिति देख रहे हैं जल का हथियार के रूप में इस्तेमाल। शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान में 13,000 से अधिक ग्लेशियर हैं, जो सिंधु नदी प्रणाली में सालाना जल प्रवाह का लगभग आधा हिस्सा प्रदान करते हैं । जो हमारी सभ्यता, संस्कृति और अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा है।

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