भुखमरी की कगार पर अफगानिस्तान, लोगो का हुआ बूरा हाल

अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद माानवीय संकट बढञता जा रहा है। तालिबान सरकार कंगाली के दौर से गुजर है और देश में रोजी-रोटी के लाले पड़े हुए है।

हालात ये है कि अग जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय सहायता न मिली तो भुखमरी, अकाल, गंभीर बीमारियों जैसी आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है । इस सप्ताह अफगानिस्तान का दौरा करने वाले यूनिसेफ के उप कार्यकारी निदेशक उमर आब्दी का कहना है देश में करीब दस लाख बच्चों के गंभीर कुपोषण से पीड़ित होने का अनुमान है।

अफगानिस्तान की यात्रा समाप्त करने के बाद यूनिसेफ के शीर्ष अधिकारी ने उमर आब्दी ने चेतावनी दी कि जब तक तत्काल सहायता प्रदान नहीं की जाती, कम से कम दस लाख अफगान बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार हो सकते हैं और यहां तक ​​​​कि उन बच्चों को मौत का सामना करना पड़ सकता हैं। यूनिसेफ ने एक बयान में कहा कि खसरा के गंभीर प्रकोप और तीव्र पानी वाले दस्त ने स्थिति को बढ़ा दिया है। इस स्थिति ने बच्चों को जोखिम में डाल दिया है। आब्दी ने काबुल में इंदिरा गांधी बाल अस्पताल के अपने दौरे के दौरान गंभीर कुपोषण से पीड़ित दर्जनों बच्चों से मुलाकात की, जो एक जानलेवा बीमारी जूझ रहे हैं।

अफगानिस्तान में तालिबान के वरिष्ठ लोगों के साथ बैठक के दौरान उन्होंने बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल, टीकाकरण, पोषण, पानी और स्वच्छता, और बाल संरक्षण सेवाओं तक बच्चों की पहुंच की आवश्यकता को रेखांकित किया। पोलियो, खसरा और कोविड टीकाकरण को फिर से शुरू करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों और समुदायों को टीके और बीमारियों से बचाने में मदद करने की तत्काल आवश्यकता है।

दुनिया में पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही ऐसे देश हैं, जहां पोलियो की बीमारी बनी हुई है। यूनिसेफ के अनुसार, आब्दी ने कोविड से बचाव के लिए टीकाकरण को बढ़ावा देने और पोलियो कॉल सेंटर में भागीदारों के साथ मुलाकात की। सभी लड़कों और लड़कियों को शिक्षा जारी रखने के महत्व पर जोर देते हुए आब्दी ने कहा कि उन्हें अपने देश के भविष्य के निर्माण में सार्थक रूप से भाग लेना चाहिए।

Related Articles

Back to top button