पाकिस्तानी फायरिंग में भारतीय सेना के पांच जवान बलिदान, DGMO बोले- दुस्साहस पर देंगे जवाब

नई दिल्ली:ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सीमा पर लगातार फायरिंग की। पड़ोसी देश ने सात मई को आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की स्ट्राइक के बाद लगातार उकसावे की कार्रवाई की। पड़ोसी देश की सेना के नापाक इरादे उस समय भी जाहिर हो गए, जब डीजीएमओ स्तर पर सीजफायर को लेकर बनी सहमति के बावजूद फायरिंग जारी रही। भारतीय सेना के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने साफ किया है कि अगर आज भी पाकिस्तान ने ऐसा ही दुस्साहस किया तो सेना माकूल जवाब देगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी फायरिंग में दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से भारतीय सेना के पांच जवानों का भी बलिदान हुआ।

भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ बातचीत को क्यों तैयार हुए?
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि हमारा उद्देश्य आतंकी शिविरों को ठिकाना बनाना था और बाद की हमारी कार्रवाई सिर्फ पाकिस्तान के उकसावे के जवाब में थी। इस वजह से पाकिस्तान के डीजीएमओ से उनकी पहल पर बातचीत की गई। हालांकि, अपेक्षित रूप से पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में संघर्ष विराम का उल्लंघन कर दिया। संघर्ष विराम का उल्लंघन होने पर सेना के कमांडरों को जवाब देने की खुली छूट दी गई है।

पाकिस्तान ने भारतीय सीमा और हवाई क्षेत्र में ड्रोन-विमान भेजे
DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा 8-9 मई की रात को, पाकिस्तान ने सीमाओं के पार हमारे हवाई क्षेत्र में ड्रोन और विमान भेजे। बड़े पैमाने पर बुनियादी सैन्य ढांचे को निशाना बनाने के कई असफल प्रयास किए गए। पाकिस्तान ने जब नियंत्रण रेखा पर फिर से उल्लंघन किया तो भारत ने आर्टिलरी फायरिंग से मुंहतोड़ जवाब दिया।

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