जयशंकर ने राहुल को बताया ‘चाइना-गुरु’, कहा- कुछ लोग चीनी राजदूत से ट्यूशन लेकर देते हैं ज्ञान

नई दिल्ली:  राज्यसभा में बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर इशारों-इशारों में तंज कसा। साथ ही उन्होंने ने राहुल को चाइना-गुरु भी कहा। जयशंकर ने आरोप लगाया कि कुछ लोग चीन को लेकर ज्ञान ओलंपिक जाकर और चीनी राजदूत से प्राइवेट ट्यूशन लेकर हासिल करते हैं। जयशंकर ने कहा कि वे 41 साल तक विदेश सेवा में रहे हैं और चीन में भारत के सबसे लंबे समय तक राजदूत रहे हैं। लेकिन अब कुछ लोग ‘चाइना-गुरु’ बन गए हैं, जो चीन को लेकर ज्ञान बांटते हैं।

बहस के दौरान जब जयशंकर चीन का जिक्र कर रहे थें, तब उनका सिधा इशारा राहुल गांधी और कांग्रेस की तरफ था। उन्होंने आगे ये भी कहा कि 2008 बीजिंग ओलंपिक में राहुल गांधी और सोनिया गांधी बतौर विशेष अतिथि शामिल हुए थे और वहीं से उनकी चीन की ‘क्लास’ शुरू हुई।

‘गुप्त मीटिंग्स और डील्स सिर्फ चाइना-गुरु करते हैं’
जयशंकर ने कहा कि मैंने चीन दौरे के दौरान जो भी किया, वह सब कुछ सार्वजनिक था। मैंने आतंकवाद, तनाव कम करने और चीन की तरफ से व्यापार पर लगाए गए प्रतिबंधों पर बात की। मैंने साफ कहा कि भारत-चीन संबंध तीन मूल बातों पर आधारित होंगे आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता।

मैं ओलंपिक क्लास नहीं गया- जयशंकर
जयशंकर ने आगे राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं ओलंपिक क्लास में नहीं गया, क्योंकि मैं विशेष व्यक्ति नहीं था। कुछ लोग ओलंपिक में जाकर चीन से ज्ञान प्राप्त करते हैं और फिर चीनी राजदूत को घर बुलाकर ट्यूशन लेते हैं। जयशंकर ने कहा कि चीन और पाकिस्तान की नजदीकी 1960 के दशक में शुरू हुई थी, लेकिन कांग्रेस सरकारें इस पर ठीक से काम नहीं कर पाईं। उन्होंने कहा कि चाइना-गुरु अब कहते हैं कि चीन और पाकिस्तान बहुत करीब आ गए हैं, लेकिन असल में यह सब तब हुआ जब हमने पीओके को छोड़ दिया।

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