‘कांग्रेस की विदेश नीति नेहरू परिवार पर केंद्रित थी, देश ने इसका खामियाजा भुगता’, भाजपा सांसद का पलटवार

नई दिल्ली : कांग्रेस बीते कई दिनों से केंद्र सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठा रही है। हाल ही में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि अमेरिका ने अपने आर्मी डे परेड में पाकिस्तानी सेना प्रमुख को आमंत्रित किया है। इसे लेकर कांग्रेस ने भारत की विदेश नीति को पूरी तरह से असफल बता दिया था। अब भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में कांग्रेस पर जमकर भड़ास निकाली और पार्टी पर तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
‘मुस्लिम लीग औऱ जयराम रमेश में क्या फर्क?’
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि विपक्ष, खासकर कांग्रेस ने पढ़ना-लिखना बंद कर दिया है। पिछले 2-3 दिनों से पूरी कांग्रेस पार्टी कहती रही कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर अमेरिका जा रहे हैं। ये पाकिस्तान का एक जाल था। आज पता चला कि व्हाइट हाउस या अमेरिकी सेना ने आसिम मुनीर को कभी नहीं बुलाया। पाकिस्तान मुस्लिम लीग और जयराम रमेश में क्या फर्क है? दूसरी बात, जब 1985 में कनिष्क बम धमाका हुआ, तो कनाडा ने इसकी जांच कब शुरू की? 2006 में शुरू की। कनाडा के पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो के पिता 1968 से 1984 तक कनाडा के प्रधानमंत्री थे। इंदिरा गांधी ने उन्हें 16 साल तक सात पत्र लिखे, लेकिन वो उनके पत्रों का जवाब नहीं दे रहे थे, उनकी बात नहीं सुन रहे थे और खालिस्तानी आतंकवादियों को पनाह दे रहे थे और आप हमें विदेश नीति सिखा रहे हैं?
फलस्तीन मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी को दिखाया आईना
कांग्रेस पार्टी ने भाजपा सरकार पर फलस्तीन का समर्थन न करने का आरोप लगाया था और भारत की विदेश नीति की तीखी आलोचना की थी। इस पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद ने लिखा कि ‘1948 में इस्राइल और फलस्तीन दो देश बन गए। 1948 में नेहरू जी ने संयुक्त राष्ट्र में फलस्तीन का समर्थन किया और इस्राइल का विरोध किया, लेकिन 1950 में नेहरू जी ने गुप्त तरीके से मुंबई में इस्राइल का व्यापार कार्यालय मिशन खोल लिया। 1953 में मुंबई में इस्राइल का महावाणिज्य दूतावास खोला गया। 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में हमने इस्राइली हथियारों का इस्तेमाल किया और मोसाद ने तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल जैकब के साथ मिलकर पाकिस्तान पर हमले की योजना भी बनाई थी।’