‘मैं टैलेंट बेचने आई हूं, अपने आप को नहीं’, इंदिरा कृष्णन ने बताया कास्टिंग काउच का किस्सा

बॉलीवुड में अक्सर ही कास्टिंग काउच के किस्से सामने आते रहते हैं। कई अभिनेत्रियों ने अपने खराब अनुभवों को साझा किया है। अब हाल ही में फिल्मों और टेलीविजन की अभिनेत्री इंदिरा कृष्णन ने इंडस्ट्री को लेकर कुछ बड़े खुलासे किए हैं। साथ ही उन्होंने इंडस्ट्री में लोगों द्वारा काम के बदले दिए गए कास्टिंग काउच के ऑफर्स के बारे में भी खुलकर बात की। एक्ट्रेस ने कहा कि हिंदी इंडस्ट्री की तुलना में साउथ इंडस्ट्री में उन्हें इस तरह के अनुभवों का ज्यादा सामना करना पड़ा।
एक से ज्यादा बार इंदिरा ने किया सामना
बॉलीवुड बबल से बातचीत के दौरान कास्टिंग काउच की घटनाओं का एक से ज्यादा बार सामना करने का खुलासा करते हुए अभिनेत्री ने कहा कि मैंने ऐसा सिर्फ एक बार नहीं बल्कि कई बार महसूस किया है। खासकर मैं यह नहीं कहूँगी कि ऐसा हिंदी फिल्म इंडस्ट्री या मुंबई में ज्यादा हुआ, बल्कि साउथ में हुआ। मुझे एक बड़े फिल्म निर्माता ने एक बहुत बड़े प्रोजेक्ट के लिए चुना था। उस प्रोजेक्ट को लेकर हमारे बीच कुछ मतभेद थे। मैं उस प्रोजेक्ट के लिए पूरी तरह तैयार थी, लेकिन आखिरी वक्त पर जैसा कि कई बार होता है, एक छोटी सी बात ने पूरे रिश्ते को बर्बाद कर दिया। बस एक लाइन, एक बयान, और सब कुछ खत्म।
अभिनेत्री ने साझा किया किस्सा
एक्ट्रेस ने आगे कहा कि मुझे याद है कि मैंने पहले सोचा कि अरे ये फिल्म भी मेरे हाथ से निकल गई। फिर घर पहुंचकर मैंने उसे एक मैसेज टाइप किया क्योंकि वो जिस तरह से बात कर रहा था, उसकी बॉडी लैंग्वेज और उसकी उम्मीदें सब काफी बढ़ गई थीं। इसके साथ ही दबाव भी बढ़ने लगा। मुझे लगा कि मैं इस स्थिति को संभाल नहीं पाऊंगी। मैंने सोचा कि अगर कल से शूटिंग शुरू हो गई और ये रिश्ता खराब हो गया तो क्या होगा? मैंने बहुत सम्मान से कहा कि मैं अपना टैलेंट बेचने आई हूं, अपने आप को नहीं। शायद मेरे शब्द थोड़े कठोर थे, लेकिन मुझे लगा कि आप जितने स्पष्ट होंगे, उतना ही बेहतर होगा। इससे आपको अपनी गति बनाए रखने, ऊर्जा बढ़ाने और आगे बढ़ने में मदद मिलती है।
छोटे पर्दे ने मुझे बेहतर ढंग से एक्सप्लोर करने का मौका दिया
इंदिरा कृष्णन ने आगे बताया कि कास्टिंग काउच की यह न तो पहली और न ही आखिरी घटना थी। मैंने इसकी वजह से कुछ अच्छे प्रोजेक्ट्स गंवा दिए। यही वह मोड़ था जब उन्होंने करियर के लिए टेलीविजन की ओर रुख किया। छोटे पर्दे ने मुझे अपनी क्षमताओं को और बेहतर ढंग से दिखाने में मदद की। साथ ही मुझे वहां पर्याप्त सम्मान भी मिला। हां मैंने सुना है कि टीवी इंडस्ट्री में भी बहुत सी चीजें होती हैं। लेकिन मुझे लगता है कि उस समय यह कुछ ऐसा था जिसका हम सभी को सामना करना पड़ा था।