‘बीएसएनएल को नहीं हुआ कोई राजस्व नुकसान’, सीएजी रिपोर्ट पर सरकार ने सदन में दिया स्पष्टीकरण

बीएसएनएल और सरकार को कोई राजस्व हानि नहीं हुई है। संचार राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने बुधवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की हालिया रिपोर्ट में बताई गई वित्तीय हानि कुछ प्रावधानों की गलत व्याख्या पर अधारित थी।
सीएजी की रिपोर्ट में था नुकसान का जिक्र
सीएजी की रिपोर्ट संख्या 01/2025, जो मार्च 2023 को समाप्त वर्ष से संबंधित है, उसमें बीएसएनएल की अनुबंधीय अनुपालना, योजना और बिलिंग में कुछ खामियों की ओर इशारा किया गया था। रिपोर्ट में कुल मिलाकर बीएसएनएल को 1,944.92 करोड़ रुपये की संचयी वित्तीय नुकसान का आकलन किया गया था।
मास्टर सेवा समझौते पर पूछे गए सवाल
कांग्रेस सांसद प्रणीति सुशील कुमार शिंदे ने सरकार से पूछा था कि क्या बीएसएनएल ने RJIL के साथ मास्टर सेवा समझौता को प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया। इससे 1,757.76 करोड़ रुपये के कथित नुकसान की बात सामने आई। इस पर मंत्री ने कहा कि बीएसएनएल ने RJIL के साथ अपने टावर बुनियादी ढांचे को किराए पर देने के लिए मास्टर सेवा समझौता किया है।
गलत व्याख्या को न्यायसंगत तरीके से ठीक किया जाएगा
मंत्री ने लोकसभा में लिखित जवाब में कहा कि बीएसएनएल और सरकार को कोई राजस्व हानि नहीं हुई है। सीएजी का अनुमान एड-ऑन प्रौद्योगिकी के खंड की गलत व्याख्या पर आधारित था। इसे अब पारदर्शी और न्यायसंगत तरीके से ठीक कर लिया गया है।
पीआईजेएफ अंडरग्राउंड केबल पर पूछा गया सवाल
बीएसएनएल द्वारा खरीदी गई अधिक आकार की पीआईजेएफ (PIJF) अंडरग्राउंड केबल के उपयोग न हो पाने के संबंध में संचार राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने लोकसभा में जानकारी दी कि यह खरीद तत्कालीन मानदंडों के अनुसार की गई थी।
मंत्री ने कहा कि बदलते प्रतिस्पर्धी परिदृश्य के कारण यह केबल पूरी तरह से उपयोग नहीं हो सकी। हालांकि, बीएसएनएल ने इस अतिरिक्त केबल का 70.32 करोड़ रुपये मूल्य तक मोनेटाइजेशन कर लिया है, जबकि शेष केबल की अनुमानित बिक्री कीमत लगभग 23 करोड़ रुपये है। बीएसएनएल और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) की कार्यप्रणाली में नुकसान की भरपाई और ऐसी गलतियों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।