साइबर क्राइम की 17.82 लाख शिकायतें, बचे 5489 करोड़ रुपये; 9.42 लाख सिम तो 263348 IMEI ब्लॉक

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में सभी प्रकार के साइबर अपराधों से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए एक संलग्न कार्यालय के रूप में ‘भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र’ (I4C) की स्थापना की है। I4C के एक भाग के रूप में, ‘राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल’ (NCRP) (https://cybercrime.gov.in) लॉन्च किया गया है, ताकि जनता सभी प्रकार के साइबर अपराधों से संबंधित घटनाओं की रिपोर्ट कर सके, जिसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान दिया गया है। I4C के तहत ‘नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली’ को वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग और धोखेबाजों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए वर्ष 2021 में लॉन्च किया गया था। इससे अब तक 17.82 लाख से अधिक शिकायतों में 5,489 करोड़ रुपये की बचत हुई है। ऑनलाइन साइबर शिकायत दर्ज कराने में सहायता के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ शुरू किया गया है।
भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार, ‘पुलिस’ और ‘लोक व्यवस्था’ राज्य के विषय हैं। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के माध्यम से साइबर अपराध सहित अन्य अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच और अभियोजन के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। केंद्र सरकार, राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की पहलों को उनकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के क्षमता निर्माण हेतु विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत परामर्श और वित्तीय सहायता प्रदान करके सहायता प्रदान करती है। साइबर अपराधों से व्यापक और समन्वित तरीके से निपटने के लिए तंत्र को सुदृढ़ करने के मकसद से केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
‘राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल’ पर रिपोर्ट की गई साइबर अपराध की घटनाओं, उन्हें एफआईआर में परिवर्तित करना और उसके बाद की कार्रवाई कानून के प्रावधानों के अनुसार संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की जाती है। I4C में एक अत्याधुनिक साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र स्थापित किया गया है, जहाँ प्रमुख बैंकों, वित्तीय मध्यस्थों, भुगतान एग्रीगेटर्स, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, आईटी मध्यस्थों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधि साइबर अपराध से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई और निर्बाध सहयोग के मकसद से, मिलकर काम कर रहे हैं।
पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, अब तक भारत सरकार द्वारा 9.42 लाख से अधिक सिम कार्ड और 2,63,348 IMEI ब्लॉक किए जा चुके हैं। गृह मंत्रालय ने ‘महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध साइबर अपराध रोकथाम योजना के अंतर्गत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी क्षमता निर्माण, जैसे साइबर फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना, कनिष्ठ साइबर सलाहकारों की नियुक्ति और एलईए के कर्मियों, लोक अभियोजकों और न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है। 33 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में साइबर फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। 24,600 से अधिक एलईए कार्मिकों, न्यायिक अधिकारियों और अभियोजकों को साइबर अपराध जागरूकता, जांच, फोरेंसिक आदि पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।