सहारनपुर में भाजपा ने बनाया रिकॉर्ड, जीती इतनी सीटे

भाजपा ने सहारनपुर में रिकॉर्ड पांच सीटों पर जीत दर्ज की है। लेकिन नकुड़ की जीत भाजपा के लिए कई मायनों में खास है। क्योंकि नकुड़ पिछले 20 सालों से डॉ. धर्म सिंह सैना का अजेय किला रहा।

इसके पीछे अहम वजह दलबदल और एंटी इनकंबेंसी फैक्टर मुख्य वजह माना जा रहा है। वर्ष 2002 के बाद 2007 में भी उनका विजय रथ जारी रहा। उन्होंने बसपा के टिकट पर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। बसपा हाईकमान ने उन्हें बेसिक शिक्षा मंत्री बनाकर बड़ा सम्मान दिया था। वर्ष 2012 में जिले की सीटों का परिसिमन हुआ। सरसावा सीट को नकुड़ कर दिया और नकुड़ को गंगोह विधानसभा नाम दे दिया गया। इस बार भी डॉ. धर्म सिंह सैनी बसपा के टिकट पर ही चुनावी मैदान में उतरे।

उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता इमरान मसदू को मात देकर जीत दर्ज की, लेकिन 2017 आते-आते डॉ. धर्म सिंह सैनी का बसपा से मोहभंग हो गया और उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। प्रदेश में भाजपा की लहर थी जिस पर सवार होकर धर्म सिंह सैनी 2017 में भी चुनाव जीतने में सफल हुए। इस बार कांग्रेस के इमरान मसूद को हराया।

नकुड़ विधानसभा से सपा के प्रत्याशी पूर्व मंत्री डॉ. धर्म सिंह सैनी ने कहा कि जनता का फैसला स्वीकार है। उन्होंने कहा कि बिना विधायक रहते हुए भी आगे पूरे पांच साल जनता के बीच रहकर काम करूंगा। कहा कि समर्थकों ने उन्हें एक लाख से अधिक वोट दिए, फिर भी हार हुई। इसमें मतदाताओं का दोष नहीं है। चुनाव में हार जीत मायने नहीं रखती। मायने यह रखता है कि हार जीत का अंतर कितना रहा। हमारी हार केवल 155 मतों से हुई है।

बार-बार चुनाव जीतने के बाद डॉ. धर्म सिंह सैनी एंटी इंकंबैंसी फैक्टर के घेरे में आ गए। कुछ मतदाता उनसे नाराज थे। उनका टिकट कटने या बदले जाने की चर्चाएं शुरू हो गई थीं, जिस कारण चुनाव से पहले धर्म सिंह सैनी ने फिर पाला बदला और सपा खेमे में शामिल हो गए। यही नहीं उसके प्रतिद्वंद्वी इमरान मसूद भी उनके साथ सपा में भी पहुंच गए। फिर भी डॉ. धर्म सिंह सैनी अपने अजेय किले को बचाने में सफल नहीं हुए।

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