₹402 करोड़ की मथुरा-वृंदावन रेल परिवर्तन परियोजना स्थायी रूप से बंद, रेल मंत्रालय का फैसला

नई दिल्ली:  रेल मंत्रालय ने 402 करोड़ रुपये की लागत वाली मथुरा-वृंदावन रेल लाइन को मीटर गेज से ब्रॉड गेज में बदलने की अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना को स्थायी रूप से बंद कर दिया है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 402 करोड़ रुपये है। इसे अलाभकारी करार देते हुए रेल मंत्रालय ने इसे स्थायी रूप से बंद कर दिया है। उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) जोन, जिसके अधिकार क्षेत्र में मथुरा-वृंदावन खंड आता है, ने स्थानीय लोगों के विरोध के कारण कुछ महीने पहले इसे स्थायी रूप से बंद करने का प्रस्ताव रखा था।

रेल मंत्रालय के वित्त निदेशालय की सहमति से लिया गया निर्णय
रेल मंत्रालय ने 6 जून को एनसीआर जोन के महाप्रबंधक को लिखे पत्र में कहा, ‘उत्तर मध्य रेलवे की उक्त अलाभकारी शाखा लाइन को बंद करने के उत्तर मध्य रेलवे के प्रस्ताव की (रेलवे) बोर्ड की तरफ से जांच की गई है। तदनुसार, सक्षम प्राधिकारी ने उत्तर मध्य रेलवे के आगरा डिवीजन के मथुरा वृंदावन खंड को स्थायी रूप से बंद करने की मंजूरी दे दी है।’ इसमें आगे कहा गया है कि यह निर्णय रेल मंत्रालय के वित्त निदेशालय की सहमति से लिया गया है और जोन से आवश्यक कार्रवाई शुरू करने को कहा गया है। परियोजना से जुड़े रेलवे अधिकारियों ने कहा कि दोनों शहरों के बीच रेल संपर्क पर काम करीब दो साल पहले शुरू हुआ था और मथुरा और वृंदावन दोनों तरफ से ट्रैक बिछाने में काफी समय और पैसा खर्च किया गया था।

रेलवे की दूरदर्शिता और योजना पर सवालिया निशान
विशेषज्ञों के एक वर्ग ने यह भी कहा कि परियोजना को रद्द करने से रेलवे की दूरदर्शिता और योजना पर सवालिया निशान लग गया है और इससे काफी वित्तीय नुकसान हो सकता है। कृष्ण जन्मभूमि और वृंदावन में स्टेशन भवन के निर्माण के लिए 38 करोड़ रुपये की लागत वाला एक और ठेका मई 2023 में एचओजी प्रोजेक्ट्स को दिया गया, जिसमें प्लेटफॉर्म और फुट-ओवर ब्रिज शामिल हैं। 100 साल से भी पहले अंग्रेजों की तरफ से निर्मित मीटर गेज ट्रैक पर 2023 की शुरुआत तक एक कोच वाली रेल बस चलती थी, जो दिन में दो बार चलती थी। ब्रॉड गेज के निर्माण के लिए सेवा बंद कर दी गई थी।

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