दो भारतीय शांति रक्षकों को संयुक्त राष्ट्र मरणोपरांत करेगा सम्मानित, मिशन के दौरान दिया सर्वोच्च बलिदान

संयुक्त राष्ट्र दो भारतीय शांतिरक्षकों को मरणोपरांत सम्मानित करेगा। दोनों भारतीय शांतिरक्षक अपने कर्तव्य को निभाने के दौरान बलिदान हो गए थे। यह सम्मान समारोह 29 मई को अंतरराष्ट्री शांति रक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित किया जाएगा। जिन दो भारतीय शांतिरक्षकों को सम्मानित किया जाएगा, उनमें ब्रिगेडियर जनरल अमिताभ झा और हवलदार संजय सिंह शामिल हैं।
इन दो भारतीय सैनिकों को मरणोपरांत किया जाएगा सम्मानित
ब्रिगेडियर जनरल अमिताभ झा, यूएन डिसइंगेजमेंट ऑब्जर्वर फोर्स और हवलदार संजय सिंह यूएन स्टैबलाइजेशन मिशन, कांगो में तैनात थे। दोनों को मरणोपरांत डैग हैमर्सजोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा। भारत संयुक्त राष्ट्र शाति सेना में चौथा सबसे ज्यादा योगदान करने वाला देश है। फिलहाल विभिन्न यूएन शांति रक्षक अभियानों में भारत के 5300 सैन्य और पुलिस जवान तैनात हैं। ये सैनिक अबेई, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, डेमोक्रेटिक रिपब्लिकन ऑफ कांगो, लेबनान, सोमालिया, साउथ सूडान और वेस्टर्न सहारा जैसे देशों में तैनात हैं।
29 मई को होने वाले सम्मान समारोह में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनिया गुटेरेस 1948 से अब तक संयुक्त राष्ट्र मिशन में बलिदान हुए 4,400 शांति रक्षकों की याद में पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। सम्मान समारोह में कुल 57 सैन्य, पुलिस और सामान्य नागरिक शांति रक्षकों को मरणोपरांत सम्मानित किया जाएगा। ये 57 शांति सैनिक बीते साल विभिन्न यूएन मिशन में बलिदान हुए। बीते साल भारतीय सेना की मेजर राधिका सेन को ‘2023 यूएन मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड’ से सम्मानित किया गया था। 2024 का मिलिट्री जेंडर एडवोकेट सम्मान घाना के स्क्वाड्रन लीडर शैरोन मिनसोटे और यूएन की महिला पुलिस अधिकारी सिएरा लिओन की सुपरीटेंडेंट जैनब गबला को दिया जाएगा।