असम में हाईकोर्ट से 52 घोटालेबाज अफसरों की बहाली पर बवाल, सरमा बोले- सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

गुवाहाटी:  असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शनिवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि राज्य सरकार गुवाहाटी हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी, जिसमें APSC की संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में हुए कैश-फॉर-जॉब घोटाले में बर्खास्त 52 अफसरों को बहाल करने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री ने इस फैसले को दुखद बताया और कहा कि राज्य सरकार केवल मेरिट के आधार पर भर्ती सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है।

यह बयान उन्होंने बकसा जिले में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में दिया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला पढ़ा नहीं है, लेकिन अगर मीडिया रिपोर्ट्स सही हैं तो यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। हम सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे और आखिरी पल तक कोशिश करेंगे कि गलत तरीके से नौकरी पाने वालों को दोबारा बहाल न किया जाए। 2016 में सामने आए इस घोटाले में APSC के तत्कालीन चेयरमैन राकेश कुमार पॉल सहित 70 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए थे।

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 2013 और 2014 बैच के 52 अधिकारियों को 50 दिनों के भीतर बहाल करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार चाहे तो बहाल अधिकारियों को 30 दिनों तक कोई ड्यूटी न दे और जांच कर सकती है। सरकार के लिए यह आदेश तब आया है, जब वह पारदर्शिता के नए मानकों पर सरकारी नौकरियों में भर्तियां कर रही है।

मानस नेशनल पार्क के लिए किया बड़ा ऐलान
इसी दौरान मुख्यमंत्री सरमा ने असम के मानस नेशनल पार्क को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि बोडोलैंड क्षेत्र में शांति लौटने के बाद अब यह इलाका सुरक्षित और आकर्षक बन चुका है, जिससे पर्यटन की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि मैं कॉलेज के दिनों में इस पार्क में आया था, उसके बाद यहां आने का माहौल नहीं था, लेकिन अब यहां शांति और विकास का माहौल है।

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