बैंककर्मियों को व्यवसाय से लिंक करके वेतन देने का आदेश स्थगित, सेवा शर्तों को दुरुस्त करने की तैयारी

सहकारी ग्राम विकास बैंक प्रबंध समिति ने कार्मिक को व्यवसाय से लिंक करके वेतन देने के फैसले पर रोक लगा दी है। इस मामले में विधिक राय ली जा रही है। इस बीच कर्मचारियों के वेतन भुगतान का आदेश जारी कर दिया गया है। साथ ही कर्मचारियों की अन्य सेवा शर्तों को दुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड की 323 शाखाएं हैं और करीब 5 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। यह बैंक सिंचाई, कृषि यंत्र, पशुपालन सहित विभिन्न तरह के दीर्घ कालीन ऋण देता है, जिस पर वह करीब 11 फीसदी तक ब्याज लेता है। बैंक ने 31 मार्च 2025 तक करीब 393.17 करोड़ रुपये का ऋण बांटा है। बैंक 98.31 करोड़ के लाभ में है। लेकिन, 13 मई को हुई बैंक प्रबंध समिति की बैठक के बाद आदेश दिया गया कि जितनी वसूली होती, उसी हिसाब से वेतन भुगतान किया जाएगा। यानी 50 फीसदी वसूली करने वाले कार्मिक को 50 फीसदी ही वेतन दिया जाएगा।

कर्मचारी संघर्ष समिति ने फैसले के विरोध में धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद बीते दिनों प्रबंध निदेशक आरके कुलश्रेष्ठ के साथ कर्मचारी संगठनों की वार्ता हुई। इसमें वेतन को वसूली से लिंक करने के आदेश को तत्काल रोकने का निर्णय हुआ। बैंक प्रबंधन का कहना है कि अब विधिक परीक्षण के बाद फैसला होगा। अप्रैल का वेतन तत्काल जारी कर दिया गया है। बकाया भी देने का प्रयास है।

30 जून के बाद सातवें वेतनमान पर फैसला
बैंक अधिकारियों के मुताबिक 30 जून तक वसूली की स्थिति का आकलन होगा। प्रबंध समिति की अगली बैठक में व्यय भार का आकलन करने के बाद कमेटी बनेगी। कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर सातवें वेतनमान पर फैसला लिया जाएगा। बैंक कर्मियों के बोनस देयता संबंधित प्रकरण के निस्तारण के लिए मुख्य महाप्रबंधक (प्रशासन) को निर्देशित किया गया है।

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