पाक सीमा पर तनाव को देखते हुए संघर्ष समिति ने समाप्त किया अनशन, बोले- हम सरकार के साथ

लखनऊ:  राजधानी लखनऊ में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने शुक्रवार को अपना अनशन समाप्त कर दिया। निर्णय लिया कि सीमा पर युद्ध की स्थिति को देखते हुए 14 मई तक किसी भी प्रकार का आंदोलन नहीं किया जाएगा। संघर्ष समिति ने प्रबंधन से यह भी कहा कि युद्ध की स्थिति को देखते हुए निजीकरण का निर्णय निरस्त कर दें। ताकि, काम बिना किसी तनाव के चलता रहे।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि देश के मामले में हम लोग सरकार के साथ खड़े हैं। हमें उम्मीद है कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन भी निजीकरण की कार्यवाही को निरस्त कर देगा। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय वापस लिया जाए तो बिजली कर्मचारी और अभियंता युद्ध के दौरान भीषण गर्मी में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ठीक रखने की चुनौती को स्वीकार करते हैं।

इन राज्यों के बिजली कर्मी अनशन में हुए शामिल
दरअसल, संघर्ष समिति से जुड़े एक हजार से ज्यादा कर्मचारी और अभियंता दो मई से अनशन पर बैठे थे। इनके समर्थन में दो हजार से अधिक बिजली कर्मचारी शामिल हुए। इस दौरान उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के समर्थन में उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु के बिजली कर्मी और अभियंता भी अनशन में पहुंचे।

इस दौरान ये लोग रहे मौजूद
इसी बीच पाकिस्तान से बढ़ते तनाव को देखते हुए सात मई को बिजली कर्मियों ने तिरंगा रैली निकाली। इसके बाद शुक्रवार को अनशन समाप्त करने का एलान किया। इस दौरान संयोजक शैलेन्द्र दुबे, जितेंद्र सिंह गुर्जर, नीरज बिंद, आरके सिंह सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।

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