‘मणिपुर में बेघर लोगों के लिए घर बनाने का टेंडर नहीं निकला’, कांग्रेस ने आरोप के साथ जांच की मांग की

इंफाल: मणिपुर में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बेघर लोगों के लिए बनाए जा रहे प्री-फैब्रिकेटेड (तैयार ढांचे वाले) घरों के निर्माण में कोई टेंडर (निविदा) नहीं निकाली गई। कांग्रेस ने इस मामले की पूरी जांच कराने की मांग की है। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष केशम मेघचंद्र ने बुधवार को विष्णुपुर जिले में दो निर्माण स्थलों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों जगहों पर बिना किसी सरकारी आदेश या टेंडर के ही निर्माण कार्य चल रहा है।

कांग्रेस ने कहा- आधिकारिक रूप से नहीं हो रहा काम
उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह काम आधिकारिक रूप से नहीं हो रहा है। हम मांग कर रहे हैं कि जांच की जाए कि बिना टेंडर के ये घर कैसे बनाए जा रहे हैं। इससे साफ पता चलता है कि सैकड़ों करोड़ रुपये की गड़बड़ी हो रही है।’

किसी बिचौलिये के जरिए पैसे न दिए जाएं- केशम मेघचंद्र
केशम मेघचंद्र, जो वांगखेम विधानसभा सीट से विधायक भी हैं, ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार दोनों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विस्थापित लोगों को जो भी आर्थिक सहायता दी जा रही है, वह सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाए। किसी बिचौलिये के जरिए पैसे न दिए जाएं।

कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार एक तय समयसीमा घोषित करे, जिसके भीतर सभी विस्थापित लोगों को उनके मूल घरों में सुरक्षित वापसी कराई जा सके। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को एक ज्ञापन भी सौंपा है। मणिपुर में जातीय हिंसा के बाद हजारों लोग बेघर हो गए थे। इनके लिए सरकार ने कई जिलों में अस्थायी प्री-फैब्रिकेटेड घर बनवाने की योजना शुरू की है, लेकिन कांग्रेस अब इस योजना में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगा रही है।

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