शशि थरूर के आपातकाल पर लेख से कांग्रेस में बवाल; मणिकम टैगोर ने कसा तंज…

नई दिल्ली:  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की तरफ से आपातकाल पर लिखे गए लेख को लेकर पार्टी के भीतर ही एक नया विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने थरूर पर इशारों में तंज कसते हुए पूछा है कि जब कोई साथी बीजेपी की बातें शब्दशः दोहराने लगे, तो क्या मान लिया जाए कि ‘पक्षी अब तोता बन रहा है?’

आपातकाल पर थरूर ने लेख में क्या कहा?
दरअसल, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मलयालम अखबार दीपिका में लिखे एक लेख में कहा कि आपातकाल (1975-77) को केवल एक काले दौर के रूप में याद नहीं करना चाहिए, बल्कि उससे सबक लेना भी जरूरी है। उन्होंने लिखा कि अनुशासन और व्यवस्था के नाम पर जो कार्रवाइयां की गईं, वे कई बार निर्दयी हो गईं और उन्हें जायज नहीं ठहराया जा सकता। शशि थरूर ने अपने लेख में संजय गांधी की तरफ से चलाए गए जबरन नसबंदी अभियान और दिल्ली जैसे शहरों में झुग्गियों के बेरहमी से उजाड़े जाने की घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को हल्के में नहीं लेना चाहिए- यह हमारी कीमती विरासत है, जिसे लगातार संजोना और सुरक्षित रखना चाहिए।

टैगोर का तंज- ‘तोता बन गया पक्षी?’
बिना थरूर का नाम लिए, कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘जब कोई साथी बीजेपी की बातें शब्द दर शब्द दोहराने लगे, तो सोचना पड़ता है- क्या पक्षी तोता बन रहा है? पक्षियों में नकल करना प्यारा लगता है, लेकिन राजनीति में नहीं।’

‘पक्षियों की जंग’ पुरानी है
यह पहली बार नहीं है जब थरूर और टैगोर के बीच पक्षियों को लेकर तकरार हुई हो। पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने थरूर पर अप्रत्यक्ष रूप से तंज कसा था कि कांग्रेस ‘देश पहले’ में विश्वास रखती है, लेकिन कुछ लोग शायद मोदी पहले में यकीन करते हैं। इसके बाद थरूर ने एक्स पर एक चिड़िया की फोटो के साथ लिखा, ‘उड़ने की इजाजत मत मांगो। पंख तुम्हारे हैं, और आसमान किसी का नहीं होता’। इस पोस्ट को कई लोगों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ एक छुपा हुआ संदेश माना- कि थरूर अपने तरीके से काम करते रहेंगे।

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