जन्माष्टमी पर 15 दिन तक चलेगा विहिप स्थापना दिवस समारोह, देश की 80 हजार जगहों पर कार्यक्रम का लक्ष्य

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के स्थापना दिवस के उपलक्ष में पूरे देश में 80 हजार स्थानों पर भव्य कार्यक्रम किए जाएंगे। यह कार्यक्रम जन्माष्टमी (15-16 अगस्त) के एक सप्ताह पहले से लेकर एक सप्ताह बाद तक चलेगा। विहिप ने अपने 60वें स्थापना दिवस में पूरे देश के एक लाख गांवों तक अपना विस्तार करने की योजना बनाई थी। इस बार इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की राजसमंद में एक दो-दिवसीय बैठक संपन्न हुई है। इसके बाद विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने बताया है कि बैठक में कार्य के विस्तार बारे में निर्णय लिए गए हैं। अकेले राजस्थान में ही 4000 से अधिक स्थानों पर विहिप स्थापना दिवस के कार्यक्रम किए जाने की योजना बनाई गई है। प्रत्येक गांव तक विश्व हिंदू परिषद की इकाई की स्थापना की जाएगी।
विहिप नेताओं ने बैठक में माना कि अवैध धर्मांतरण का मुद्दा अधिक गहरी साज़िशों के रूप में सामने आ रहा है। यूपी-बिहार से लेकर राजस्थान, दक्षिण और पूर्वोत्तर राज्यों में इसकी समस्या ज्यादा गंभीर हो गई है। इसे देखते हुए स्थानीय नागरिकों के सहयोग से अवैध धर्मांतरण को रोकना आवश्यक है। आदिवासी बहुल इलाकों में ईसाई मिशनरियों की बढ़ती सक्रियता को लेकर भी विहिप चिंतित है।
उन्होंने कहा कि विहिप के प्रयासों से आज पूरे देश के एक दर्जन से अधिक राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानून है, लेकिन इसके बाद भी जगह-जगह धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे हैं जो बताते हैं कि इस समस्या को रोकने के लिए अधिक गंभीर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से भी अवैध धर्मांतरण विरोधी कानून लाए जाने की मांग की जा रही है जिससे इस तरह की गतिविधियों पर पूरे देश में रोक लगाई जा सके।
डॉ जैन ने कहा कि हिंदू लड़के-लड़कियां दोनों धर्मांतरण के षड्यंत्रों का शिकार बन रहे हैं। राजस्थान में नशे का काम बहुत तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नशे के व्यापार से प्राप्त पैसे का उपयोग धर्मांतरण और जिहाद के लिए किया जा रहा है। विहिप ने एक न्यायिक आयोग की स्थापना कर अवैध धर्मांतरण के विभिन्न मामलों और पहलुओं को सामने लाने की मांग की है।