याचिका में की गई रेल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग, जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

नई दिल्ली: ट्रेन हादसों को रोकने के लिए भारतीय रेलवे के प्रयासों को सर्वोच्च अदालत ने सराहा है। दरअसल, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने सोमवार को यात्री सुरक्षा सहित अन्य मुद्दों से जुड़ी एक याचिका का निपटारा करते हुए यह टिप्पणी की।बता दें, दो जनवरी को ने विशाल तिवारी की इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रेल हादसों को रोकने के लिए कवच सहित अन्य सुरक्षा उपायों पर केंद्र सरकार से उठाए गए कदमों का ब्योरा मांगा था। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी द्वारा दायर रिपोर्ट पर पीठ ने सोमवार को कहा कि हम रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हैं।

कवच प्रणाली को लेकर याचिका में उठाए सवाल
पिछले वर्ष जून में ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रेन हादसे का जिक्र करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार द्वारा एक सुरक्षा प्रणाली शुरू की गई थी ताकि ट्रेनों की टक्कर को रोका जा सके, बावजूद इसके पिछले वर्ष में ट्रेनों से जुड़े कई हादसे हुए हैं। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि क्या इस बारे में कोई कवायद की गई है कि कवच प्रणाली को पूरे भारत में लागू करने पर कितना वित्तीय प्रभाव पड़ेगा। हर चीज का वित्तीय पहलू से सह-संबंध होता है क्योंकि अंततः इसका बोझ यात्रियों पर डाला जाएगा।

क्या है कवच प्रोटेक्शन सिस्टम
यह एक खास तरह का ऑटोमेटिक प्रोटेक्शन सिस्टम है। कवच प्रोटेक्शन तकनीक को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन की मदद से बनाया गया है। गौरतलब बात है कि इस तकनीक पर भारतीय रेलवे ने साल 2012 में ही काम करना शुरू कर दिया था। उस दौरान इस तकनीक का नाम Train Collision Avoidance System (TCAS) था। इस तकनीक का पहला ट्रायल साल 2016 में किया गया था।

कैसे काम करती है कवच तकनीक
कवच सिस्टम में हाई फ्रीक्वेंसी के रेडियो कम्युनिकेशन का इस्तेमाल किया जाता है। कवच प्रणाली तीन स्थितियों में काम करती है – हेड ऑन टकराव, रियर एंड टकराव, सिग्नल खतरा। कवच प्रणाली को हर स्टेशन और एक किलोमीटर की दूरी पर इंस्टॉल किया जाता है। इसके अलावा कवच तकनीक को ट्रैक और रेलवे सिस्टम में भी लगाया जाता है। ये सभी सिस्टम एक दूसरे के साथ अल्ट्रा हाई रेडियो फ्रीक्वेंसी पर कम्यूनिकेट करते हैं। अगर ट्रेन चलाते समय लोको पायलट किसी सिग्नल को जंप या कोई गलती करता है। ऐसे में कवच प्रणाली तुरंत एक्टिवेट हो जाती है और ट्रेन के ब्रेक कंट्रोल कर लेती है। इसके अलावा अगर एक ही पटरी पर दूसरी ट्रेन भी आ रही है, तो वह दूसरी ट्रेन को अलर्ट भेजकर कुछ दूरी पहले उसे रोक देती है।

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