गरुड़ासन करने से शरीर को मिलता है ये लाभ

गरुड़ासन या चील पोज पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए सबसे फायदेमंद योग आसनों में से एक है। पुरुषों में यह वृषण, प्रोस्टेट ग्रंथि से संबंधित विकारों को दूर करने के लिए जाना जाता है और शीघ्रपतन को मात देने में मदद करता है।

महिलाओं में, यह गर्भाशय को मजबूत करता है, पीठ दर्द को दूर करता है, महिला हार्मोन को नियंत्रित करता है। इसके अलावा यह पीठ और कूल्हों की मांसपेशियों को स्ट्रेच में भी मदद करता है, हाथों और पैरों की मांसपेशियों को टोन करता है और संतुलन में सुधार करता है। पुरषों को होनी वाली कमजोरी को दूर करने के लिए यह आसन अच्छा है। इसी के साथ मूत्र विकार को दूर करने के लिए ये आसन बहुत फायदेमंद माना जाता है।  फिट और टोन रहने के लिए आप इस आसन को अपना सकते हैं।

गरुड़ासन करने के लिए ताड़ासन में खड़े हो जाएं। फिर अपने घुटनों को मोड़े और बाएं पैर को उठा कर दाहिने पैर के ऊपर घुमा लें। ध्यान दें कि दाहिने पैर को जमीन पर जमा कर रखें और बायां जांघ दाहिने जांघ के ऊपर हो। ध्यान रखें कि बाएं पैर की उंगलियां जमीन की ओर होनी चाहिए।

हाथों को सामने की ओर जमीन के अपॉजिट होने चाहिए। दाएं हाथ को बाएं हाथ के ऊपर क्रॉस करें और अपने बाएं हाथ की उंगलियों को अपनी दाहिनी हथेली पर मजबूती से टिकाएं। रीढ़ को सीधा रखें। अपना ध्यान 4 से 5 फीट की दूरी पर लगाएं। 15 से 20 सेकंड के लिए गहरी सांस लेते हुए इस पॉजिशन में रहें। नॉर्मल स्थिती में लौटने के लिए पहले हाथ को धीरे से खोलें और फिर पैरों को। 3 गहरी और लंबी सांसें लें, दूसरी तरफ से पैरों और बाजुओं की स्थिति को चेंज करके प्रेक्टिस करें।

गरुड़ासन के फायदे (Benefits of Garudasana)

– पुरुष प्रजनन अंगों के लिए फायदेमंद।
– पैरों को मजबूत करता है और कंधे के जोड़ों में लचीलापन बढ़ाता है।
-फोकस और मेडिटेशन बढ़ाने में सुधार करता है।
– पेशाब संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में मददगार।
– पैरों की मांसपेशियों में ऐंठन को रोकता है।
– गुर्दे की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करता है और प्रोस्टेट समस्याओं को ठीक करता है।
-कंधों, पीठ, कूल्हों और जांघों को स्ट्रेच करता है।

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