‘श्रीलंका ने ऋण पुनर्गठन के मोर्चे पर मजबूत प्रगति की’, बेलआउट कार्यक्रम की समीक्षा से पहले आईएमएफ

नकदी संकट से जूझ रही श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में हाल ही में पहली बार सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई थी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अब श्रीलंका की तारीफ की है। आईएमएफ का कहना है कि देश में व्यापक आर्थिक नीति में सुधार के परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं। साथ ही उम्मीद जताई है कि देश जल्द ही बाहरी वाणिज्यिक ऋणदाताओं के साथ समझौते पर पहुंच जाएगा।

श्रीलंका को कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा
बता दें, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने शुक्रवार को श्रीलंका के लिए 2.9 अरब डॉलर के बेलआउट कार्यक्रम की दूसरी समीक्षा से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही। आईएमएफ के संचार विभाग की निदेशक जूली कोजैक ने कहा कि व्यापक आर्थिक नीति से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में सुधार देखा जा रहा है। पिछले कुछ सालों से श्रीलंका को कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। देश में आर्थिक संकट गहराया तो भोजन, बिजली, ईंधन और मूलभूत सुविधाओं की कमी हो गई थी। अब श्रीलंका ने ऋण पुनर्गठन के मोर्चे पर पर्याप्त रूप से मजबूत प्रगति की है।

दूसरी समीक्षा के लिए देरी होने पर उन्होंने कहा कि द्वीप देश का कार्यक्रम प्रदर्शन मजबूत है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में अभी भी सुधार की जरूरत है और यह किए भी जा रहे हैं।

12 जून को होगी दूसरी समीक्षा
श्रीलंका के 2.9 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के तहत आईएमएफ की विस्तारित कोष सुविधा की दूसरी समीक्षा 12 जून को होगी। कोजैक ने पुष्टि की कि आईएमएफ का कार्यकारी बोर्ड दूसरी समीक्षा और अनुच्छेद IV परामर्श पर चर्चा करने के लिए बैठक करेगा।

बता दें, आईएमएफ के समझौते के अनुच्छेद IV के तहत, वैश्विक ऋणदाता सदस्यों के साथ द्विपक्षीय चर्चा करता है। आमतौर पर हर साल एक कर्मचारियों की टीम देश का दौरा करती है, आर्थिक और वित्तीय जानकारी एकत्र करती है और अधिकारियों के साथ देश के आर्थिक विकास और नीतियों पर चर्चा करती है। कोजैक ने कहा, ‘श्रीलंका में हम देखते हैं कि व्यापक आर्थिक नीति में सुधार के परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं।’

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