फेफड़े के साथ-साथ इन अंगों के लिए भी खतरनाक है धूम्रपान, तुरंत छोड़ दें ये आदत

दुनियाभर में तेजी से बढ़ती कई गंभीर और क्रोनिक बीमारियों के लिए लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी को प्रमुख कारण माना जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, श्वसन से लेकर कैंसर जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए धूम्रपान प्रमुख कारक हो सकता है। अध्ययनों में पाया गया है कि जो लोग धम्रपान करते हैं उनमें हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर और अस्थमा-ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर श्वसन समस्याओं का खतरा अधिक देखा जाता है।

तंबाकू के हानिकारक दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके सेवन को कम करने के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 31 मई को वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है। हालिया अध्ययनों में पाया गया है कि युवाओं, विशेषतौर पर युवा महिलाओं में धूम्रपान के मामले अधिक देखे जा रहे हैं। अगर धूम्रपान को नियंत्रित न किया गया तो इसके कारण होने वाली बीमारियां स्वास्थ्य क्षेत्र पर बड़े दबाव का कारण बन सकती हैं।

धूम्रपान के कारण होने वाली गंभीर समस्याएं

विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है, धूम्रपान संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, इससे हर साल लाखों लोगों की मृत्यु हो जाती है और स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों पर भारी बोझ पड़ता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आमतौर पर धूम्रपान को फेफड़ों और श्वसन से संबंधित समस्याओं के कारक के तौर पर जाना जाता है, पर असल में सेहत के लिए ये कई और भी प्रकार से नुकसानदायक है। आइए धूम्रपान के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जानते हैं।

हृदय रोगों के हो सकते हैं शिकार

तम्बाकू के धुएं में मौजूद रसायन रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का सख्त होना) होने का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में हृदय में रक्त का प्रवाह और ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होने लगती है। हृदय में रक्त का प्रवाह बाधित होने के कारण दिल का दौरा, एनजाइना (सीने में दर्द) और हार्ट फेलियर जैसी गंभीर और जानलेवा समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। हृदय रोग, दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारकों में से एक हैं।

स्ट्रोक का खतरा

धूम्रपान से रक्तचाप बढ़ता है और रक्त के थक्के बनने की आशंका भी बढ़ जाती है, जिससे हृदय के साथ-साथ मस्तिष्क में भी रक्त का प्रवाह अवरुद्ध होने लगता है। मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति बाधित होने से स्ट्रोक का जोखिम हो सकता है। इस स्थिति में लकवा मारने, बोलने में कठिनाई, संज्ञानात्मक हानि और गंभीर मामलों में मृत्यु भी हो सकती है। स्ट्रोक को जानलेवा स्वास्थ्य स्थितियों में से एक माना जाता है।

प्रतिरक्षा प्रणाली में कमजोरी

धूम्रपान की आदत इम्युनिटी सिस्टम के लिए भी हानिकारक है। अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि जो लोग नियमित धूम्रपान करते हैं उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता समय के साथ कमजोर होती जाती है जिसके कारण संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगता है। धूम्रपान की स्थिति में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण का ठीक तरीके से मुकाबला नहीं कर पाती है।

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