शुरुआती बढ़त गंवाकर फिसला बाजार, सेंसेक्स 873 अंक गिरकर हुआ बंद, निफ्टी 24700 के नीचे

घरेलू शेयर बाजार में मंगलवार को उतार-चढ़ाव के साथ लगातार तीसरे दिन लाल निशान पर क्लोजिंग हुई। शुरुआती बढ़त गंवाकर बेंचमार्क सूचकांक नीचे फिसल गए। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन बीएसई सेंसेक्स में 873 अंक की गिरावट दर्ज की गई। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 872.98 अंक या 1.06 प्रतिशत गिरकर 81,186.44 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 905.72 अंक या 1.10 प्रतिशत गिरकर 81,153.70 अंक पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी 261.55 अंक या 1.05 प्रतिशत गिरकर 24,683.90 पर आ गया।डॉलर के मुकाबले रुपया 21 पैसे की गिरावट के साथ 85.63 रुपये के भाव पर बंद हुआ।
मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी में 1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। एचडीएफसी बैंक,रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक जैसे ब्लू चिप्स कंपनियों में बिकवाली के चलते बाजार नीचे आया।बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप मंगलवार को 5.13 लाख करोड़ रुपये घटकर 438.54 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
सेंसेक्स की कंपनियों का कैसा रहा हाल?
सेंसेक्स की कंपनियों में , इटरनल में सबसे अधिक 4.10 प्रतिशत की गिरावट आई। मारुति, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, पावर ग्रिड, नेस्ले, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एशियन पेंट्स भी पिछड़ गए। एचडीएफसी बैंक में 1.26 प्रतिशत और इंडेक्स प्रमुख रिलायंस इंडस्ट्रीज में 1.13 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं टाटा स्टील, इंफोसिस और आईटीसी को लाभ हुआ।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि निवेशकों ने भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर अधिक स्पष्टता के इंतजार में मुनाफावसूली का विकल्प चुना और सर्तक रुख अपनाया। मौजूदा अनिश्चितता के बिकवाली का दबाव रहा। उन्होंने कहा कि मौजूदा ऊंचे मूल्यांकन और व्यापार समझौते में देरी के कारण बाजार में कुछ समय के लिए स्थिरता देखने को मिल सकती है। जिससे विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में अपनी हिस्सेदारी कम कर सकते हैं।