फिर एक बार अमेरिकी दूतावास पर निशाना, आधे घंटे तक चली गोलियां, लेबनानी सैनिकों ने एक को पकड़ा

लेबनान की राजधानी बेरूत में अमेरिकी दूतावास पर हमले का प्रयास करने वाले बंदूकधारी को लेबनानी सैनिकों ने पकड़ लिया। यह घटना लेबनान में जारी तनाव के बीच घटी। दरअसल, पिछले एक महीने से सीमावर्ती क्षेत्रों में हिजबुल्ला आतंकी और इस्राइली सैनिकों के बीच झड़प जारी है। लेबनानी सेना ने एक बयान जारी कर बताया कि सैनिकों ने एक हमलावर को गोली मार दी। उन्होंने हमलावर की पहचान सीरिया के नागरिक के तौर पर की है। गोली लगने के बाद हमलावर को अस्पताल ले जाया गया।

हालांकि, इस घटना के बाद हमलावर के हमले का उद्देश्य क्या था, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेबनानी मीडिया ने एक तस्वीर जारी की, जिसमें हमलावर खून से लथपथ हमलावर एक ने काली रंग की बनियान पहन रखी थी। उसके बनियान में इस्लामिक स्टेट लिखा हुआ था।

अमेरिकी दूतावास के बाहर आधे घंटे तक चली गोलीबारी
लेबनानी मीडिया ने बताया कि अमेरिकी दूतावास के बाहर करीब आधे घंटे तक गोलीबारी हुई। लेबनानी सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि चार हमलावर थे, उनमें से एक बाकी के हमलावरों को घटनास्थल पर लेकर आया था। उन्होंने कहा कि एक हमलावर की मौत हो गई, दूसरा मौके से भाग निकला। तीसरा घायल हो और चौथे को हिरासत में ले लिया गया था।

अमेरिकी दूतावास ने इस हमले के बाद प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि इस हमले में कोई भी हताहत नहीं हुआ। लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने एक बयान में कहा कि रक्षा मंत्री और आर्मी कमांडर के साथ बैठक के बाद उन्हें स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। फिलहाल स्थिति स्थिर है और इस मामले की जांच जारी है। लेबनान की सेना ने बताया कि हमले के बाद सैन्यकर्मियों को दूतावास के बाहर तैनात किया गया है।

इससे पहले भी हो चुका है अमेरिकी दूतावास पर हमला
बता दें कि 1983 में बेरूत में अमेरिकी दूतावास पर हमला किया गया था, जिसमें 63 लोगों की मौत हो गई थी। अमेरिका ने इस हमले के लिए लेबनानी आतंकी ग्रुप हिजबुल्ला को जिम्मेदार ठहराया था। इस हमले के बाद अमेरिकी दूतावास को मध्य बेरूत से औकार में स्थानांतरित कर दिया गया था। पिछले साल लेबनानी सेना ने दो नोगरिकों को अमेरिकी दूतावास पर गोलीबारी करने के आरोप में पकड़ा था। हालांकि, इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ था।

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