इंडोनेशिया के पापुआ में सुरक्षाबलों और विद्रोहियों के बीच भिड़ंत, 20 से ज्यादा की मौत; तनाव बरकरार

इंडोनेशिया के अशांत पापुआ क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां बुधवार को सुरक्षा बलों और अलगाववादी विद्रोहियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में 18 विद्रोही और 2 पुलिसकर्मी मारे गए। यह झड़प उस समय हुई जब सैनिक स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएं देने के लिए गांवों में जा रहे थे।

विद्रोहियों ने तीर और बंदूक से किया हमला
मामले में सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल इवान द्वी प्रिहरतोनों ने बताया कि विद्रोहियों ने सैनिकों पर तीर और बंदूकों से हमला किया, जिसके जवाब में सेना ने नपे-तुले और पेशेवर तरीके से कार्रवाई की। मुठभेड़ के बाद सैनिकों ने हथियार, तीर-कमान और ‘मोर्निंग स्टार’ झंडा (विद्रोहियों का प्रतीक) जब्त किया। हालांकि विद्रोही संगठन ‘वेस्ट पापुआ लिबरेशन आर्मी’ ने दावा किया कि उनके केवल 3 लड़ाके मारे गए हैं, जबकि बाकी मृतक निर्दोष नागरिक थे। इसके साथ ही उन्होंने जवाबी कार्रवाई में 2 पुलिसकर्मियों की हत्या करने का भी दावा किया।

सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट, तनाव बरकरार
मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस ताजा झड़प के बाद पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। साथ ही सेना व पुलिस मिलकर गश्त बढ़ा रहे हैं। हालांकि, स्थानीय नागरिकों में भय और तनाव का माहौल बना हुआ है। सरकार और सैन्य अधिकारियों ने स्थिति पर काबू पाने का भरोसा जताया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक पापुआ की राजनीतिक मांगों पर संवाद नहीं होता, इस तरह की घटनाएं रुकने की संभावना कम है।

पापुआ में विद्रोह की कहानी
गौरतलब है कि इंडोनेशिया के अशांत पापुआ में चल रहा विद्रोह आज का नहीं है। इसकी शुरुआत 1960 के दशक में हुई थी, जब इंडोनेशिया के खिलाफ विद्रोह चल रहा है। विद्रोही वहां की स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं। देखा जाए तो अब ये मांग इतनी तेज हो गई है कि पिछले कुछ वर्षों में हमलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। उदाहारण के तौर पर हाल ही में सोने की खदान पर भी विद्रोहियों ने हमला कर 17 लोगों की हत्या कर दी थी।

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