पूर्व राष्ट्रपति लुंगु के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद जारी, दक्षिण अफ्रीका की अदालत में याचिका दाखिल

जाम्बिया की सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति एडगर लुंगु के निजी अंतिम संस्कार को रोकने के लिए अदालत में याचिका दाखिल की। दक्षिण अफ्रीका में उनके अंतिम संस्कार से करीब एक घंटे पहले याचिका पर सुनवाई हुई। जाम्बिया सरकार चाहती है कि लुंगु को देश में राजकीय सम्मान के साथ दफनाया जाए। हालांकि, लुंगु का परिवार इसके लिए मना कर रहा है, क्योंकि लुंगु और मौजूदा राष्ट्रपति हकाइंडे हिचिलेमा के बीच कड़ी सियासी लड़ाई थी।

अंतिम संस्कार के लिए काले कपड़े पहने लुंगु के परिवार के सदस्य प्रिटोरिया (दक्षिण अफ्रीका की प्रशासनिक राजधानी) की एक अदालत में सुनवाई के लिए पहुंचे। अभी यह साफ नहीं है कि जज इस पर कब फैसला सुनाएंगे। लुंगु 2015 से 2021 तक जाम्बिया के नेता रहे। पांच जून को दक्षिण अफ्रीका के एक अस्पताल में अज्ञात बीमारी के कारण 68 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।

जाम्बिया में उनके राजकीय अंतिम संस्कार को दो बार रद्द किया गया, क्योंकि अंतिम संस्कार को लेकर मतभेद थे। परिवार और उनके वकीलों का कहना था कि हिचिलेमा अंतिम संस्कार में शामिल न हों। जबकि जाम्बिया सरकार का कहना है कि राजकीय अंतिम संस्कार की अध्यक्षता हिचिलेमा ही करेंगे। जाम्बिया के अटॉर्नी जनरल मुलिलो काबेशा ने मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका की अदालत में याचिका दायर की, जिसमें बुधवार को होने वाले अंतिम संस्कार पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई। अदालत के दस्तावेजों में कहा गया है कि पूर्व राष्ट्रपति को जाम्बिया में पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ दफनाया जाना चाहिए। ऐसा जाम्बिया के कानून में भी है।

लुंगु और हिचिलेमा के लंबे समय से राजनीतिक विरोधी रहे हैं। 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में लुंगु ने हिचिलेमा को हराया था। 2017 में लुंगु की सरकार ने हिचिलेमा को राजद्रोह के आरोप में चार महीने के लिए जेल में बंद किया था। लुंगु के काफिले ने राष्ट्रपति के काफिले को रास्ता नहीं दिया था।

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