मायावती ने चंद्रशेखर को बताया अवसरवादी, कहा- कांशीराम और मेरा नाम लेकर दलितों को कर रहे गुमराह

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने बृहस्पतिवार को जारी अपने बयान में कहा कि कांशीराम और मेरा नाम लेकर अवसरवादी व स्वार्थी लोग दलितों को गुमराह कर रहे हैं। यह जातिवादी पार्टियों की बसपा को कमजोर कर खत्म करने की सोची समझी साजिश है, जिससे सावधान रहना है।
उन्होंने कहा कि सत्ता व विपक्ष में बैठी जातिवादी पार्टियों ने पर्दे के पीछे से विशेषकर दलित एवं अन्य उपेक्षित वर्गों में से कुछ अवसरवादी व स्वार्थी किस्म के लोगों को मैनेज (खरीद-फरोख्त) करके तथा उनके जरिये अनेकों संगठन व पार्टियां आदि बनवाई हैं। अपने फायदे के लिए दलितों एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के लोगों को गुमराह करके उनके वोटों को बांटने में लगी है। ये कांशीराम का और मेरा नाम लेकर यह कहते घूम रहे हैं कि हम तो इनके मिशन को ही आगे बढ़ाने में लगे हैं। हम बहन जी का भी काफी सम्मान करते हैं। यदि इनकी बातों मे रत्ती भर भी सच्चाई होती तो ये विरोधी पार्टियों के हाथों में खेलकर अपने संगठन एवं पार्टी नहीं बनाते, बल्कि सीधे बसपा से जुड़कर उसे मजबूत करते।
बैलेट पेपर से होने चाहिए सारे चुनाव
उन्होंने कहा कि जातिवादी पार्टियां ईवीएम में धांधली कराकर बसपा के उम्मीदवारों को जीतने भी नहीं दे रही हैं। इस धांधली को लेकर अब विपक्षी पार्टियां भी बोल रही हैं। बसपा समेत तमाम दल सभी छोटे-बड़े चुनाव पूर्व की तरह ही बैलेट-पेपर के जरिये कराना चाहते हैं, जो वर्तमान सरकार के रहते संभव नहीं है। सत्ता परिवर्तन होने के बाद यह हो सकता है, इसलिए पार्टी के लोगों को निराश नहीं होना है। वर्तमान राजनीतिक हालात में ईवीएम वाला सिस्टम कभी भी बदल सकता है।
राजनीति में बढ़ रहा द्वेष
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि राजनीति में एक-दूसरे के विरुद्ध द्वेष, विद्वेष, संकीर्णता व मुकदमेबाजी आदि बढ़ रही है। नेताओं के असभ्य एवं अभद्र आचरण से जनता हैरान व दुखी है। ऐसा विषैला माहौल विकास व आत्मनिर्भरता के प्रयास को बाधित कर रहा है। धन्नासेठों की संपत्ति अब ज्यादातर विदेश में निवेश हो रही है, जिससे यहां गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा व पिछड़ापन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। अर्थव्यवस्था में अस्थिरता भी चिंता का सबब है।