सोमवार रात जब आप सब नींद में थे उस वक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर जबरदस्त ड्रामे की स्क्रिप्ट लिखी जा रही थी। बहस और उसके बाद वो हुआ जो आज तक देश में कभी भी, कहीं भी नहीं हुआ। केजरीवाल के विधायकों ने गुंडागर्दी की हदें पार करते हुए मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हाथापाई की और उन्हें थप्पड़ मारे। इस ‘थप्पड़ कांड’ पर आप मंगलवार सुबह से बहुत कुछ पढ़ और देख चुके हैं। इस पर भी बात करेंगे, पहले जाने लेते हैं कि दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा जा रहा है कि यह बैठक दिल्ली में राशन के मुद्दे पर बुलाई गई थी। लेकिन इसमें भी एक जबरदस्त ट्विस्ट है।
क्या है वह ट्विस्ट
दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री कार्यालय का भी दावा है कि सोमवार देर रात 11 बजे मुख्यमंत्री आवास पर बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में जनता को घर-घर राशन पहुंचाने के मुद्दे को लेकर चर्चा हुई और इसी संबंध में यह बैठक देर रात बुलाई गई थी। जनता के मुद्दे पर दिल्ली सरकार देर रात को भी काम कर रही है यह सोचकर आप खुश हो सकते हैं। लेकिन यहां ट्विस्ट ये है कि जिस व्यक्ति की जिम्मेदारी जनता तक राशन पहुंचाने की है, वह इस मीटिंग में मौजूद ही नहीं था। जी हां, यहां हम दिल्ली के खाद्य मंत्री इमरान हुसैन की बात कर रहे हैं। जब खाद्य मंत्री ही मीटिंग में मौजूद नहीं था तो देर रात केजरीवाल के घर मीटिंग किस बात को लेकर थी। ऐसे में यह शक और ज्यादा गहरा जाता है कि साजिश के तहत ही मुख्य सचिव को बुलाया गया और फिर उनके साथ बदसलूकी की गई।
इस मीटिंग में कौन-कौन था मौजूद?
अब यह बात तो साफ हो गई कि जिस कथित राशन के मुद्दे पर बुलाई गई बैठक में मुख्य सचिव को थप्पड़ मारा गया उसमें खाद्य मंत्री इमरान हुसैन मौजूद नहीं थे। सवाल यह है कि फिर उस बैठक में कौन-कौन था और इस बैठक का असल मुद्दा क्या था? चलिए बता दें कि इस बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मुख्यमंत्री के सलाहकार वीके जैन के आलावा 11 अन्य विधायक भी थे। जिनमें ओखला के विधायक अमानतुल्ला, अंबेडकर नगर के विधायक अजय दत्त, देवली से विधायक प्रकाश जारवाल और लक्ष्मी नगर के विधायक नितिन त्यागी भी थे। इन सभी 11 विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज है।
क्या था बैठक का असली मुद्दा
विधायकों की बदसलूकी के बाद मंगलवार को मुख्य सचिव ने दिल्ली सरकार और केजरीवाल पर कई आरोप लगाए। उनके अनुसार राशन के मुद्दे पर जिस बैठक की बात की जा रही है वह झूठ है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बैठक में विधायकों ने टीवी विज्ञापनों को लेकर चर्चा की और उनके साथ मारपीट की। इस तरह से देखा जाए तो मुख्य सचिव के अनुसार बैठक का मुख्य मुद्दा राशन नहीं, दिल्ली सरकार के विज्ञापन थे। इस पर आम आदमी पार्टी ने सफाई दी है। आप की प्रवक्ता आतिशी मार्लेना का कहना है- सरकार की तीसरी सालगिरह एक हफ्ते पहले निकल चुकी है, हम अब विज्ञापन पर चर्चा क्यों करेंगे, जबकि अब हम विज्ञापन दे ही नहीं सकते।