आम आदमी को मिली राहत! 6 साल के निचले स्तर पहुंची खुदरा महंगाई

सरकार ने पिछले महीने की महंगाई दर के आंकड़े जारी किए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई दर घटकर लगभग 6 वर्षों के निचले स्तर 3.16 प्रतिशत पर आ गई। यह गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, फलों, दालों और अन्य प्रोटीन युक्त वस्तुओं की कीमतों में नरमी के कारण दर्ज की गई है।

मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति 3.16 प्रतिशत रही, जो जुलाई, 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है। जुलाई, 2019 में यह 3.15 प्रतिशत थी। अप्रैल में खाद्य महंगाई दर घटकर 1.78 प्रतिशत रही, जो मार्च में 2.69 प्रतिशत और पिछले साल अप्रैल में 8.7 प्रतिशत थी।

अब खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के संतोषजनक दायरे में बनी हुई है। आरबीआई को सरकार ने मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनाए रखने का दायित्व सौंपा है। पिछले महीने खाद्य मुद्रास्फीति 1.78 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले इसी महीने में 8.7 प्रतिशत थी। मार्च में खाद्य मुद्रास्फीति 2.69 प्रतिशत रही थी।

भारतीय रिजर्व बैंक को महंगाई को 4 प्रतिशत (±2 प्रतिशत) के दायरे में बनाए रखने का लक्ष्य दिया गया है। मूल्य स्थिति में सुधार आने के बाद आरबीआई दो किस्तों में प्रमुख ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए CPI महंगाई दर का अनुमान 4 प्रतिशत रखा है। तिमाही अनुसार अनुमान इस प्रकार हैं:

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