प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले, जम्मू-कश्मीर के लोगों तक पहुंच रही सामाजिक न्याय की प्रतिबद्धता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने से संविधान का पूरा वैभव प्रकट हुआ है। इससे संविधान निर्माताओं को खुशी हुई होगी। आज सामाजिक न्याय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता जम्मू-कश्मीर के लोगों तक पहुंच रही है। पीएम मोदी ने 17वीं लोकसभा के अंतिम सत्र के अंतिम दिन यह बात कही।

पीएम मोदी ने शनिवार को कहा कि अगले 25 वर्षों के महत्व पर जोर डालते हुए कहा कि देश ने अपने सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया है। महात्मा गांधी की ओर से 1930 में शुरू किए गए नमक सत्याग्रह और स्वदेशी आंदोलन पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ये घटनाएं इसकी शुरुआत के समय महत्वहीन हो सकती थीं, लेकिन उन्होंने अगले 25 वर्षों के लिए नींव तैयार की, जिससे 1947 में भारत की आजादी हुई।

ऐसी ही भावना इस समय महसूस की जा सकती है, जहां हर व्यक्ति ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। पीएम ने मानवता पर आई सदी की सबसे बड़ी आपदा कोरोना महामारी का जिक्र किया। उन्होंने सांसद निधि को छोड़ने व महामारी के दौरान अपने वेतन में 30% की कटौती के लिए भी सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने सदस्यों के लिए सब्सिडी वाली कैंटीन सुविधाओं को हटाने के लिए भी लोकसभा अध्यक्ष को धन्यवाद दिया, जिस पर लोगों की प्रतिकूल टिप्पणियों आती थीं।

बिरला की तारीफ…चाहें कुछ भी हो आपके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रही
स्पीकर ओम बिरला की भूमिका की सराहना करते हुए मोदी ने कहा, चाहे कुछ भी हो जाए, आपके (बिड़ला) चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है। आपने इस सदन का निष्पक्ष तरीके से नेतृत्व किया और मैं इसके लिए आपकी सराहना करता हूं। कई बार गुस्से और आरोप-प्रत्यारोप का दौर आया, लेकिन आपने इन स्थितियों को धैर्य के साथ संभाला और सदन को समझदारी से चलाया। मोदी ने कहा,

कोरोना महामारी में भी बिरला ने सुनिश्चित किया कि संसदीय कार्य बाधित न हो। पहले भी नए भवन की जरूरत की बात होती थी लेकिन 17वीं लोकसभा के दौरान स्पीकर के फैसले ने इसे हकीकत बना दिया। उन्होंने अध्यक्ष की ओर से पेश की गई पेपरलेस संसद और डिजिटल प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

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