निष्ठा जैन की फार्मिंग द रिवोल्यूशन में किसान विरोध का जिक्र, कृषि कानून के खिलाफ उतरे थे लोग

निष्ठा जैन के हॉट डॉक्स चयन ‘फार्मिंग द रिवोल्यूशन’ में भारत के किसान विरोध का जिक्र किया गया है। 2020-21 में भारत में हुए किसान आंदोलन का इसमें पूरा लेखा-जोखा है। ‘फार्मिंग द रिवोल्यूशन’ का विश्व प्रीमियर हॉट डॉक्स में होता है। ये उन लाखों भारतीय किसानों पर आधारित है, जो नए अधिनियमित कृषि कानूनों के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान एकत्र हुए थे।

कौन हैं निष्ठा जैन
किसानों का मानना था कि यदि कृषि कानून लागू किया गया। तो ये कानून सरकार द्वारा संरक्षित किसानों के बाजारों पर बुरा प्रभाव डालेगा। निष्ठा जैन को जूट बुनाई पर बनी उनकी डॉक्यूमेंट्री ‘द गोल्डन थ्रेड’ के लिए जाना जाता है। इस डॉक्यूमेंट्री ने कई पुरस्कार जीते थे। इसके साथ ही 2012 में महिला सशक्तिकरण पर आई उनकी फिल्म ‘गुलाबी गैंग’ को भी कई पुरस्कार मिले थे।

कब शुरू किया फिल्मांकन
जैन ने एक बातचीत में बताया, ‘यह कोविड वर्ष था। हम पहले ही दिल दहला देने वाले सीन देख चुके थे, जब अखिल भारतीय तालाबंदी की अचानक घोषणा के बाद लाखों भारतीय प्रवासी शहरों से हजारों मील दूर अपने घरों की ओर पैदल चल पड़े। उससे कुछ महीने पहले दिल्ली में दंगे हुए थे, जिसके कारण नागरिक संशोधन विधेयक के खिलाफ भारतव्यापी विरोध प्रदर्शन समाप्त हो गया था और कई गिरफ्तारी हुई थीं।’ उन्होंने बताया, ‘किसानों के दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचने और उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने से रोके जाने के दो दिन बाद हमने फिल्मांकन शुरू किया था।’

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