सैन्य प्रतिष्ठानों में हुई हिंसा के मामले में इमरान खान का माफी मांगने से किया इनकार, वजह भी बताई

पाकिस्तान की अडियाला जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 9 मई को सैन्य प्रतिष्ठानों में हुई हिंसा के मामले में माफी मांगने से इंकार कर दिया। इसके बाद सेना ने कहा कि जब तक पूर्व पीएम सार्वजनिक माफी नहीं मांगते तब तक वे पार्टी से बात नहीं करेंगे। बुधवार को अदियाला जेल में 190 मिलियन पाउंड के अल कादिर भ्रष्टाचार मामले में अदालत में सुनवाई हुई। जिसमें पूर्व पीएम इमरान खान ने कहा कि वह अपनी पाकिस्तान तहरीक-इंसाफ पार्टी द्वारा किए गए धरने की जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक जब उनसे पूछा गया कि क्या वह 9 मई के हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए माफी मांगेंगे, तो उन्होंने स्पष्ट जवाब दिया नहीं।

बता दें कि पूर्व पीएम भ्रष्टाचार से लेकर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने समेत कई मामलों में आरोपी होने के कारण पिछले साल अगस्त से जेल में बंद हैं। उन्होंने “9 मई के हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों से माफी मांगने” और कोई भी बातचीत करने से पहले “अराजकता” की राजनीति से दूर रहने की मांग की थी।

वहीं मुख्य सैन्य प्रवक्ता ने सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने वालों के साथ किसी भी तरह की बातचीत से भी मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि 9 मई के हमले में शामिल आरोपियों को सजा दी जाएगी। इस पर इमरान खान ने कहा कि “अगर आप बात नहीं करना चाहते हैं, तो न करें, मैं पाकिस्तान की खातिर बातचीत करने के लिए कह रहा हूं।”

भ्रष्टाचार में गिरफ्तारी पर भड़के थे समर्थक
बता दें कि पिछले साल 9 मई को हिंसा हुई थी। इस हिंसा का नेतृत्व खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के समर्थकों ने किया था। वे भ्रष्टाचार के एक मामले में अपने नेता की गिरफ्तारी से भड़क गए थे। इमरान खान की भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तारी के बाद उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की।

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