सरकार का दावा- लैंड पूलिंग नीति को मिल रहा अच्छा समर्थन, पटियाला में 150 एकड़ जमीन देने पर किसान सहमत

पंजाब सरकार नई लैंड पूलिंग नीति को लेकर आई है। योजना के तहत अब सरकार किसानों की जमीन का सीधे अधिग्रहण कर उन्हें मुआवजा नहीं देगी, बल्कि जमीन देने वाले किसानों को उसी जमीन पर रिहायशी और कमर्शियल प्लॉट मुहैया कराएगी। इस योजना को जहां आम आदमी पार्टी की सरकार ने अभूतपूर्व करार दिया है, वहीं विपक्ष समेत किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने इसकी आलोचना की है।

आप सरकार का कहना है कि लैंड पूलिंग योजना को लेकर राज्यभर के किसानों में उत्साह का माहौल है। विपक्ष हताशा में इस योजना को लेकर झूठ फैला रहा है और विरोध कर रहा है। इस पॉलिसी के कारण बिल्डर लॉबी में जबरदस्त घबराहट है। इस योजना के तहत किसान अपनी मर्जी से अपनी जमीन सरकार को देनी है। प्रति एकड़ जमीन लैंड पूलिंग नीति के तहत देने के बाद किसानों को 1000 गज के रिहायशी प्लॉट और 200 गज का SCO कमर्शियल प्लॉट मिलेगा। इन प्लॉट्स को किसान न केवल किसी भी समय बेच सकते हैं बल्कि स्वयं हाउसिंग प्रोजेक्ट या मार्केट कॉम्प्लेक्स बनाकर भी मुनाफा कमा सकते हैं।

बताया गया है कि पटियाला में पहले हफ्ते में किसानों ने 150 एकड़ और मोहाली में भी 50 से अधिक किसानों ने अपनी जमीन सरकार को देने की सहमति दी है। अमृतसर, मोगा, संगरूर, जालंधर, नवांशहर, होशियारपुर, तरनतारन, फाजिल्का, कपूरथला और बठिंडा जैसे जिलों में भी किसानों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने किया ट्रैक्टर मार्च का एलान
संयुक्त किसान मोर्चा लैंड पूलिंग पॉलिसी के विरोध में 30 जुलाई को ट्रैक्टर मार्च निकालेगा। इसे लेकर हुई बैठक में लैंड पूलिंग पॉलिसी को रद्द किए जाने का प्रस्ताव पारित हुआ। किसान संगठनों ने कहा कि यह नीति रियल एस्टेट कंपनियों के पक्ष में और किसानों के खिलाफ है।

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