भारत और ईएफटीए के बीच मुक्त व्यापार समझौता, वस्तुओं एवं सेवाओं में दोतरफा व्यापार को बढ़ाने पर जोर

भारत और ईएफटीए ने निवेश को बढ़ावा देने और वस्तुओं एवं सेवाओं में दोतरफा व्यापार को बढ़ावा देने के लिए रविवार को एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किया। समझौते में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, व्यापार सुविधा समेत कई क्षेत्र शामिल किए गए हैं। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आज का दिन बेहद खास है। यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के साथ व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर करना लगभग 15 वर्षों की कड़ी मेहनत के परिणामों का प्रतीक है।

मुक्त व्यापार समझौते के तहत दो व्यापारिक साझेदार सेवाओं और निवेश में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को आसान बनाने के अलावा, उनके बीच व्यापार की जाने वाली वस्तुओं की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को काफी कम या खत्म कर देते हैं। गौरतलब है कि भारत और ईएफटीए जनवरी 2008 से समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, जिसे आधिकारिक तौर पर व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (टीईपीए) कहा जाता है।

क्या है ईएफटीए
दोनों पक्षों ने अक्तूबर 2023 में बातचीत फिर से शुरू की और इसे जल्द से जल्द खत्म किया। बता दें ईएफटीए देश यूरोपीय संघ (ईयू) का हिस्सा नहीं हैं। यह मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने और तीव्र करने के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना उन राज्यों के लिए एक विकल्प के रूप में की गई थी, जो यूरोपीय समुदाय में शामिल नहीं होना चाहते थे। भारत 27 देशों के यूरोपीय संघ के साथ अलग से एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है।

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