स्लीपर वंदे भारत-अमृत भारत ट्रेन पर रहेगा फोकस, गाड़ियों में लगेगी टक्कर विरोधी तकनीक

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने जा रही हैं। इस बजट में वित्त मंत्री भारतीय रेलवे को लेकर भी कुछ बड़े एलान कर सकती हैं। आम यात्रियों को तेज, सुरक्षित और आरामदायक सफर के लिए दोनों प्रकार की वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। रेलवे से जुड़े सूत्रों का कहना है कि स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाने के लिए आईसीएफ चेन्नई में कोच निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। रेलवे की प्रीमियम राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों की जगह पर स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाई जाएगी। जबकि शताब्दी एक्सप्रेस के स्थान पर वंदे भारत ट्रेन पहले ही चलाई जा रही है। अभी 80 से ज्यादा वंदे भारत दौड़ रही है।

बढ़ सकती है अमृत भारत ट्रेनों की संख्या

रेलवे पुश-पुल तकनीक वाली अमृत भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के लिए इनके कोच और नए इंजनों का उत्पादन करेगी। रेलवे के सूत्रों ने कहा कि पिछले बजट में कुल पूंजीगत व्यय 2.60 लाख करोड़ रुपये था। इस अंतरिम बजट में 3.2 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय का प्रावधान हो सकता है। यह पिछले वर्ष के बजट की इसी अवधि की तुलना में लगभग 33 फीसदी अधिक है।

रेलवे अफसरों का कहना है कि दिसंबर 2023 तक पूंजीगत व्यय से 1,95,929.97 करोड़ रुपये के काम किए गए हैं। 3.2 लाख करोड़ रुपये की बजटीय सहायता से दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता सहित अन्य व्यस्त रेलमार्गों पर टक्कर विरोधी तकनीक कवच लगाने का काम किया जाएगा। इसके अलावा उक्त दोनों रेलमार्गों पर वंदेभारत ट्रेनों को सेमी हाई स्पीड 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटा पर चलाने के लिए सुधार किया जाएगा। देश की पहली सेमी हाई स्पीड स्लीपर वंदेभारत ट्रेन इन दोनों पर चलाने की योजना है। इसके अलावा इस बजटीय सहायता से रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के कार्य जैसे नई रेल लाइनें, लाइनों का दोहरीकरण, तिहरीकरण आदि के कार्य किए जाएंगे। इससे यात्री ट्रेनों की रफ्तार गति पकड़ेगी।

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