उत्तर प्रदेश के कासगंज में दो समुदायों के बीच हुई हिंसा के बाद से ही तनाव बरकरार है. जहां योगी सरकार इस मामले पर बैकफुट में नजर आ रही है तो वहीं विपक्ष हमलावर हो गया है. कई लोग तो कासगंज को कश्मीर से भी जोड़ रहे हैं. इस बात पर यूपी सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा- ‘लोग कासगंज की तुलना कश्मीर से कर रहे हैं. मैं कहता हूं ये बड़ा मामला है, लेकिन कश्मीर से इसकी तुलना नहीं करनी चाहिए.’
सूर्य प्रताप शाही ने आगे कहा, ‘दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी ऐसी घटनाओं में शामिल होने की छूट नहीं है. ये महत्वपूर्ण मुद्दा है और सरकार कार्यवाही कर रही है.’
कासगंज हिंसा को बताया था छोटी घटना
बता दें, इससे पहले सूर्य प्रताप शाही ने कासगंज की घटना को ‘छोटी घटना’ बताया था. उन्होंने कहा था, ‘गलत है और किसी मामले को अनावश्यक तूल देना भी सही नहीं है. एक छोटी घटना हुई जिसमें दो लोगों के साथ हादसा हुआ है.’
उन्होंने कहा था, ‘सरकार उसके बारे में गंभीर है और कार्यवाही कर रही है. कश्मीर से तुलना करके प्रदेश का माहौल खराब न किया जाए.’
26 जनवरी को कासगंज में दो समुदयों के बीच झड़प हुई, जिसमें एक युवक चंदन गुप्ता को गोली लगी और उसकी मौत हो गई. इसके बाद कासगंज में हिंसा भड़क गई. बताया जा रहा है कि नारे लगाने से शुरू हुआ विवाद एक युवक की मौत पर और उग्र हो गया. फिलहाल इलाके में तनाव बरकरार है.
डीएम ने बताया कि चंदन गुप्ता की एक संकल्प संस्था है. संस्था के करीब 70-80 युवा बाइक में तिरंगा लगाकर नारे लगाते हुए शहर में परिक्रमा कर रहे थे. वडुनगर मोहल्ले में जब ये गए तो वहां पहले से जाति विशेष के लोग इकट्ठे थे. वे लोग ध्वजारोहण के बाद स्पीच दे रहे थे. वहां इनमें आपस में वाद-विवाद हुआ. हालांकि इस बात का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं है, जिससे पता चल सके कि विवाद की वजह क्या है.
वहीं, योगी सरकार ने इस मामले में मृतक चंदन गुप्ता के परिजनों को 20 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. सीएम योगी खुद इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं. रविवार को उन्होंने इस मुद्दे को लेकर DGP और मुख्य सचिव के साथ बैठक की. बैठक में योगी ने इलाके में काननू व्यवस्था को संभालने के निर्देश दिए.
पुलिस ने 112 लोगों को किया गिरफ्तार
पुलिस द्वारा रविवार रात जारी बयान के मुताबिक कासगंज हिंसा मामले में अब तक कुल 112 लोग गिरफ्तार किए गए हैं. इनमें से 31 अभियुक्त हैं, जबकि 81 अन्य को एहतियातन गिरफ्तार किया गया है. हिंसा के मामले में अब तक 5 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. इनमें से 3 कासगंज के कोतवाल की तहरीर पर पंजीकृत हुए हैं.