
अमेरिकी दूतावास की पुरानी इमारत सेंट्रल लंदन के पॉश इलाके मेफेयर में थी। वहीं नया अमेरिकी दूतावास टेम्स नदी के दक्षिणी किनारे पर नाइन एम्स में होगा। ट्रंप का दावा है कि उनका यह फैसला पुराने दूतावास की बिक्री को लेकर हुए खराब सौदे और नए दूतावास की जगह सही नहीं होने के कारण है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि ट्रंप ने अपना यह फैसला लंदन के मेयर सादिक खान द्वारा व्यक्त किए गए ट्रंप विरोधी रवैये के कारण लिया है। दरअसल खान लगातार कह रहे थे कि ट्रंप का शहर में स्वागत नहीं किया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि नए दूतावास को लेकर उनका दावा केवल एक बहाना है। सूत्र का कहना है कि ट्रंप को ऐसा महसूस हुआ कि ब्रिटिश सरकार उनके प्रति उचित प्यार नहीं दिखाया। उन्होंने यह विश्वास करना शुरू कर दिया है कि लंदन के मेयर सादिक खान और लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कार्बिन की तरह ही ब्रिटिश सरकार सोचती है। ये दोनों नेता ट्रंप के ब्रिटिश दौरे का खुले तौर पर विरोध करते रहे हैं।