
माना जाता है कि लालू प्रसाद यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाए जाने के पीछे भी रघुनाथ झा की महत्वपूर्ण भूमिका थी. उन्होंने 1990 में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के लिए चुनाव भी लड़ा था. उन्होंने 3 सितंबर, 2015 को राष्ट्रीय जनता दल की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. बिहार के कद्दावर नेता रघुनाथ झा का संसदीय जीवन 37 वर्षों का रहा. वे शिवहर से छह बार विधायक रहे, साथ ही गोपालगंज और बेतिया से दो बार सांसद भी रहे. रघुनाथ झा जनता दल के गठन के बाद उसके प्रथम प्रदेश अध्यक्ष के साथ साथ सजपा ओर समता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे थे. शिवहर जिला को अलग पहचान दिलाने का भी श्रेय भी इन्हें जाता है.
रघुनाथ झा ने अपनी राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पद संभाले. वे बिहार सरकार में डेढ़ दर्जन से अधिक विभागों के मंत्री रहे. इसके अलावा वे केन्द्र में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने भारी उद्योग राज्य मंत्री रहे.
आरजेडी छोड़ने से पहले लालू को लिखा था पत्र
साल 2015 में आरजेडी का साथ छोड़ने से पहले रघुनाथ झा ने लालू प्रसाद यावद को चिट्ठी भी लिखी थी. कभी लालू के करीबी माने जाने वाले झा ने उन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था. उन्होंने अपने पत्र में लिखा था ‘मैं पिछले 25 साल से आपके हर सुख-दुख में साथ रहा. लेकिन हाल की के दिनों में पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रति आपके व्यवहार को देखते हुए और मेरे प्रति उपेक्षा के भाव को देखते हुए मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं.’ उनकी लिखी इस चिट्ठी ने उस समय काफी सुर्खियां बटोरी थी.
Former Union minister Raghunath Jha passed away at Delhi's Ram Manohar Lohia Hospital last night.
— ANI (@ANI) January 15, 2018