हर अनचाहे स्पर्श को यौन उत्पीड़न के दायरे में नहीं ला सकते, जब यह स्पर्श उस मंशा से न किया गया हो। हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए की है।

पेश मामले में याची महिला व उसका वरिष्ठ सहकर्मी सीआरआरआई में वैज्ञानिक थे। महिला ने अपने सहकर्मी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। महिला का आरोप था कि वह अप्रैल 2005 में लैब में काम कर रही थी। उसका वरिष्ठ सहकर्मी वहां आया और उसके हाथ से सैंपल छीन लिए और सामग्री फेंक दी। साथ ही उसे रूम से बाहर निकाल दिया।
महिला की शिकायत पर पड़ताल के बाद यौन उत्पीड़न पैनल ने वरिष्ठ सहकर्मी को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि यह यौन उत्पीड़न का नहीं, बल्कि लड़ाई झगड़े का मामला था।
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